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सरकार अब भी दे दे ध्यान वरना उठाना पड़ेगा चुनाव में नुकसान

-इप्सेफ ने की पुरानी पेंशन बहाली एवं फ़्रीज़ किये गये महंगाई भत्ते के भुगतान की मांग

सेहत टाइम्स

लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस एम्प्लॉईज़ फेडेरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र एवं महामंत्री प्रेमचंद्र ने प्रधानमंत्री को फिर पत्र भेजकर मांग की है कि वर्तमान हालात को देखते हुए पुरानी पेंशन की बहाली, फ्रीज महंगाई भत्ते के एरियर देने एवं आउटसोर्सिंग /संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की नीति बनाने पर निर्णय करें। यह भी कहा गया है कि बैठक करके निर्णय नहीं किया गया तो भावी चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

वी पी मिश्र ने खेद व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री को ज्ञापन पत्र भेजे जाते रहे उन पर क्या कार्यवाही होती है कुछ पता नहीं चलता। वर्तमान कैबिनेट सचिव भी संज्ञान में नहीं लेते हैं। इससे देश भर के करोड़ों कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है और देश के एक बड़े आंदोलन की रणनीति बन रही है। दिल्ली में एक बैठक हो भी चुकी है।

श्री मिश्र ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि इप्सेफ के प्रतिनिधि मंडल से भेंट हेतु तत्काल तिथि व समय निर्धारित करें ,इस पत्र में कैबिनेट सचिव भारत सरकार से भी मांग की है कि बैठक की तिथि निर्धारित करें। इससे पूर्व कैबिनेट सचिव बराबर कर्मचारियों की पीड़ा को सुनते थे और वांछित कार्यवाही का निर्देश भी देते थे ।

इप्सेफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशी कुमार मिश्र एवं सचिव अतुल मिश्र ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश से भी मांग की है कि कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों एवं अधिकारियों की दिनांक 8 दिसम्बर को बैठक में मुख्य सचिव द्वारा जो निर्णय लिया गया था उसके कुछ मुद्दों का क्रियान्वयन लंबित है। इसलिए मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ तत्काल बैठक कर निर्णय को क्रियान्वित करें क्योंकि यह मुद्दे चुनाव आचार संहिता से परे हैं।

उन्होंने कहा कि वेतन समिति की संस्तुतियों को लागू करना एवं फार्मेसिस्ट, लैब टेक्नीशियन, ऑप्टोमेट्रिस्ट आदि के वेतन उच्चीकरण सहित अन्य संवर्गो की वेतन विसंगति का मामला एवं विभिन्न संवर्गो की सेवा नियमावली प्रख्यापित करने आदि शामिल है।

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