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पीजीआई के टेली मेडिसिन विभाग का स्‍थापना दिवस भी 10 फीसदी भौतिक 90 फीसदी टेली

-अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍याख्‍यान, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों, पेपर्स, पोस्‍टर्स से दिया जायेगा प्रशिक्षण

-देश-विदेश से करीब एक हजार विशेषज्ञ लेंगे समारोह में हिस्‍सा

-कोरोना काल में टेलीमेडिसिन की भूमिका पर अनुभवों पर होगी चर्चा

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ का स्कूल ऑफ टेलीमेडिसिन अपनी स्थापना के 20 वर्ष पूर्ण कर रहा है। अप्रैल 2001 में ही संस्थान परिसर में भारतीय टेलिमेडिसिन सोसाइटी को प्रारंभ किया गया था। टेलिमेडिसिन सोसाइटी ऑफ इंडिया की स्थापना के 20 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर 12 नवंबर से 14 नवंबर तक संजय गांधी पीजीआई के स्कूल ऑफ टेलीमेडिसिन व बायोमेडिकल इनफॉर्मेटिक्स द्वारा “टेलिमेडिसिन व डिजिटल हेल्थ” विषय पर 17वां वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है, जिसे हाइब्रिड मोड में रखा गया है। इस कांफ्रेंस के विषय में विस्तृत जानकारी www.sgpgitelemedicine.orgwww.tsi.org अथवा www.telemedicon.com पर उपलब्ध है। कॉन्फ्रेंस का विषय  है “21वीं शताब्दी में टेली हेल्थ प्रवृतियां।“”

संस्‍थान के मीडिया सेल से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि 13 नवंबर को सायंकाल 4:00 से 5.00 बजे तक कॉन्फ्रेंस का औपचारिक उद्घाटन किया जाएगा। संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन मुख्य अतिथि होंगे। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायबरेली के कार्यकारी निदेशक डॉ अरविंद राजवंशी मुख्य उद्बोधन प्रस्तुत करेंगे। जबकि कॉन्फ्रेंस के अंतिम दिन विदाई कार्यक्रम में संस्थान के सम्मानित संकाय सदस्य उपस्थित रहेंगे। प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार, आलोक कुमार इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे।

विज्ञप्ति के अनुसार कॉन्फ्रेंस का प्रथम दिन क्रमिक व्यवसायिक शिक्षा को समर्पित होगा, जिसमें व्याख्यानों, कार्यशालाओं व परस्पर संवादात्मकसत्रों के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। वैज्ञानिक कार्यक्रमों में दो मुख्य उदबोधन,15 अंतर्राष्ट्रीय आमंत्रित व्याख्यान व 10 संगोष्ठियां होंगी। इसमें 3 पैनल व 9 फ्री पेपर सत्र होंगे, जिसमें मौखिक प्रस्तुति के 54 स्लॉट रखे गए हैं। साथ ही 3 पोस्टर प्रस्तुति सत्र होंगे, जिसमें 18 पोस्टर और चार औद्योगिक प्रस्तुतियां होंगी, जिसके द्वारा टेलिमेडिसिन व डिजिटल हेल्थ के लिए तकनीकी उपायों को रेखांकित किया जायेगा। सर्वोत्तम मौखिक व पोस्टर प्रस्तुतियों को पुरस्कृत किया जाएगा व उत्तर प्रदेश चिकित्सा परिषद के नियमों के अनुसार सभी प्रतिभागियों को सीएमई अंक प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही दो अन्य सत्र भी रखें गये हैं,  जो कोविड 19 महामारी के दौरान अपनाई गयी टेली सेवा व टेली शिक्षण तरीकों पर केन्द्रित होंगे। इस कॉन्फ्रेंस में अग्रणी चिकित्सा शिक्षण संस्थानों और अस्पतालों को आमंत्रित किया गया है, जो कोविड महामारी के दौरान उनके संस्थान में अपनायी गयी टेलिमेडिसिन सेवा व पद्धतियों को प्रस्तुत करेंगे, जिनमें से सर्वोत्तम समाधानों को समुचित रूप से पुरस्कृत किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार के कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रत्यक्ष रूप से 100 लोगों को ही प्रतिभागिता के लिए आमंत्रित किया गया है, तथापि देश और विदेश के लगभग 900 प्रतिभागी इसमें वर्चुअली प्रतिभागिता करेंगे। स्वास्थ्य सेवा के अंतर्गत रोगी सेवा, चिकित्सा शिक्षा व प्रशिक्षण में टेलीमेडिसिन तकनीकों का कितना महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है, यह कोविड-19 महामारी के दौरान स्पष्ट हुआ और इसके महत्व को हम सब ने महसूस किया। ऐसे में टेलीमेडिसिन अधःसंरचना को स्वास्थ्य सेवाओं के हर स्तर पर विकसित करने की आवश्यकता है। इसी विषय पर आधारित केस स्टडी को भी इस कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किया जाएगा।

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