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भारी हंगामे के बीच बॉन्‍डेड डीएम-एमसीएच की नियुक्ति के लिए आधी-अधूरी काउंसलिंग

-चिकित्‍सा शिक्षा महानिदेशालय पर डॉक्‍टरों ने बिना समय दिये काउं‍सलिंग कराने पर सवाल उठाते हुए घंटों जताया विरोध

-एसजीपीजीआई व कैंसर संस्‍थान ने बॉन्‍डेड उम्‍मीदवारों की नियुक्ति करने से किया साफ इनकार

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। 24 घंटे से भी कम समय की नोटिस तथा बिना रिक्‍त सीटों का विवरण के डीएम/एमसीएच के बॉन्‍डेड उम्‍मीदवारों की आनन-फानन में करायी जाने वाली काउंसलिंग का आज जवाहरभवन स्थित चिकित्‍सा शिक्षा के महानिदेशक के कार्यालय में जमकर विरोध हुआ।

संजय गांधी पीजीआई, केजीएमयू, डॉ राम मनोहर लोहिया संस्‍थान में कार्यरत डीएम-एमसीएच डॉक्‍टरों ने आनन-फानन में करायी जा रही काउंसिलिंग पर सवाल उठाते हुए मांग की कि इतने शॉर्ट नोटिस पर करायी जा रही काउंसिलिंग के पीछे महानिदेशालय की मंशा ठीक प्रतीत नहीं होती है। काउंसिलिंग के विरोध में महानिदेशालय पर सुबह से हंगामा शुरू हुआ जो दोपहर बाद तक जारी रहा।

तीनों संस्‍थानों के 2018 बैच के सभी डीएम-एमसीएच के बॉन्‍डेड चिकित्‍सकों ने शुक्रवार को ही इस बारे में महानिदेशक को पत्र लिखकर अपना विरोध जताते हुए लिखा था कि महानिदेशक कार्यालय द्वारा 29 अक्टूबर को सुबह आदेश जारी कर 30 अक्‍टूबर को प्रस्‍तावित काउंसिलिंग के बारे में सूचना दी गयी है, जो कि कतई उचित नहीं है।

पत्र में लिखा था कि अभी तक हमें काउंसलिंग के लिए सीट मैट्रिक्स भी नहीं उपलब्ध कराया गया है। इस तरह आनन-फानन में कराई जा रही काउंसलिंग महानिदेशक की मंशा को भी सवालों के घेरे में खड़ा करती है, साथ ही ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बेहतरीन कार्य कर रही राज्य सरकार की छवि को भी धूमिल करने का प्रयास हो रहा है। चिकित्सकों ने पत्र में लिखा था कि कई डीएम-एमसीएच छात्र परिवार में किसी सदस्य के बीमार होने या अन्य व्यक्तिगत कारणों से शहर से बाहर हैं। वहीं अन्य शहरों में कार्यरत डॉक्टरों को भी 29 अक्‍टूबर को अपना काम निपटा कर 30 अक्‍टूबर को होने वाली ओपीडी, विजिट और ऑपरेशन को अचानक रद कर लखनऊ आना भी व्यापक जनहित में नहीं है।

पत्र में चिकित्सकों ने महानिदेशक से आग्रह किया था कि काउंसलिंग प्रक्रिया को पुनः निर्धारित कर कम से कम 7 दिन की अवधि एवं पहले से सीट मैट्रिक्स घोषित करने के उपरांत ही काउंसलिंग करवाने की घोषणा करें अन्यथा की स्थिति में संजय गांधी पीजीआई, किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय केजीएमयू तथा डॉ राम मनोहर लोहिया संस्‍थान के हम सभी डॉक्‍टर कल महानिदेशक कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। इसी क्रम में चिकित्‍सक महानिदेशक के पास विरोध जताते हुए उनसे अनुरोध करने गये थे कि काउंसिलिंग की तारीख बाद के लिए तय कर लें।

इस बारे में संजय गांधी पीजीआई से डीएम पासआउट (बॉन्‍डेड) असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ आकाश माथुर ने बताया कि आधी अधूरी तैयारी के साथ कराई गई काउन्सलिंग में महानिदेशक कार्यालय केवल आधे लोगों को ही सीट देने में सफल हो सका, तथा कहा गया कि बाकी को नियुक्ति बाद में मिलेगी।

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डॉ माथुर ने बताया कि एसजीपीजीआई एवं कैंसर संस्थान के निदेशक द्वारा अपने यहां की सीट्स पर बॉन्‍डेड डॉक्‍टरों को देने से इनकार करते हुए इस बारे में महानिदेशक को पत्र भी लिखा है। आरोप है कि रिक्त पदों का ब्यौरा इन दोनों संस्थानों द्वारा छुपाया गया है। उन्‍होंने बताय कि आरएमएल की 13 सीटें भी काउंसि‍लिंग में शमिल नहीं की गईं।

डॉ आकाश माथुर ने कहा कि पीजीआई में रिक्त पदों को जनहित में भरने के लिए अब जनांदोलन किया जायेगा। उन्‍होंने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि जब हमने यही मांग की थी कि काउंसि‍लिंग बाद में सबकी एक साथ पूरी तैयारी के साथ करा दी जाए तो नहीं किया गया, जबकि अब आधी काउंसिलिंग बाद में कराने के लिए कहा जा रहा है।

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