-वक्त का तकाजा है कि इस टेक्नोलॉजिस्ट कैडर को और बढ़ावा दिया जाये
-एससीपीजीआई में मनाया गया नेशनल एनेस्थीसिया एवं ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजिस्ट दिवस
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। बीते डेढ़ साल से चल रहे कोरोना काल में विशेषकर दूसरी लहर में जिस तरह से कोविड का संक्रमण तेजी से फैला उसमें बड़ी संख्या में मरीजों को वेंटीलेटर के साथ ही अन्य जीवन रक्षक उपकरणों की जरूरत पड़ी। क्रिटिकल केयर यूनिट, इंटेसिव केयर यूनिट जैसी जगहों पर ओटी टेक्नीशियंस ने अपनी भूमिका को बड़ी ही कुशलता से निभाया, इसके लिए ये बधाई के पात्र हैं, आज वक्त का तकाजा है कि एनेस्थीसिया और ओटी टेक्नोलॉजिस्ट्स की भूमिका की महत्ता समझते हुए इन्हें और भी मजबूत किया जाना चाहिये।
ये विचार संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में एसोसिएशन ऑफ एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजिस्ट यूपी के तत्वावधान में मनाये गये नेशनल एनेस्थीसिया एंड ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजिस्ट दिवस के अवसर वक्ताओं ने व्यक्त किये। एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजीव सक्सेना ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि समारोह कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सादगी से मनाया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ गौरव अग्रवाल तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में एनेस्थीसिया विभाग से प्रोफेसर एस पी अंबेश मौजूद रहे। राजीव सक्सेना ने वर्तमान परिपेक्ष्य में एनेस्थीसिया और ओटी टेकनोलॉजिस्ट के द्वारा निभाई गयी महत्वपूर्ण भूमिका से संबंधित कार्यों का ब्यौरा दिया। उन्होंने भविष्य में एनएस्थीसिया और ओ टी टेक्नोलॉजिस्ट कैडर को और अधिक मजबूत बनाने की आवश्यकता पर अपने विचार रखे।
मुख्य अतिथि के रूप में संस्थान के सी एम एस प्रोफेसर गौरव अग्रवाल ने राजधानी कोविड हॉस्पिटल में एनेस्थीसिया टेक्नोलॉजिस्ट के द्वारा निभाई गई भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
प्रोफेसर एसपी अंबेश ने एनेस्थीसिया टेक्नोलॉजिस्ट ने ओटी तथा एनेस्थीसिया टेक्नोलॉजिस्ट के महत्वपूर्ण रोल के बारे में बहुत बारीकी से बताया। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजिस्ट के द्वारा जूम ऐप के माध्यम से शिक्षा व ट्रेनिंग का कार्य किया गया जो निसंदेह सराहनीय था।