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दिल का दौरा पड़े तो डॉक्‍टर के पास पहुंचने तक कैसे थामे रहें सांसों की डोर, जनता को सिखायेगा केजीएमयू

-बेसिक / एडवांस लाइफ सेविंग कोर्सेस की शुरुआत हुई केजीएमयू में

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। दिल का दौरा पड़ने पर अचानक कार्डियक अरेस्‍ट की स्थिति में व्‍यक्ति बेहोश हो जाता है। कार्डियक अरेस्‍ट वह स्थिति होती है जब दिल रक्‍त को पम्‍प करना बंद कर देता है, ऐसे में हृदय गति रुक जाने पर 3 से 5 मिनट के अंदर यदि मस्तिष्क में रक्त नहीं पहुंचता है तो मस्तिष्क मृत हो जाता है और रोगी की भी मृत्यु हो सकती है। इसलिए अगर ऐसी स्थिति में बेहोश हुए व्‍यक्ति को सीपीआर (cardiopulmonary resuscitation) की सुविधा मिल जाये तो उसके जीवन को बचाया जा सकता है। सीपीआर दरअसल एक टेक्निक है जिसमें छाती को दबाया जाता है। इसी टेक्निक को आम जनता तक सिखाने के लिए बेसिक / एडवांस लाइफ सेविंग कोर्सेस की शुरुआत आज यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में प्रारम्‍भ की गयी।

मीडिया प्रवक्‍ता डॉ सुधीर सिंह ने विज्ञप्ति के माध्‍यम से यह जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय पुनर्जीवन परिषद, एनेस्थिसियोलॉजिस्ट ने देश के सामाजिक-आर्थिक/सांस्कृतिक वातावरण को ध्यान में रखते हुए पुनर्जीवन के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं। इसके लिए एनेस्थिसियोलॉजी विभाग, केजीएमयू को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में मान्यता दी गई है। केजीएमयू अब आम जनता को अचानक कार्डियक अरेस्ट के बारे में जागरूकता और कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) करने के तरीके के बारे में प्रशिक्षण देगा।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि व किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डा0 बिपिन पुरी द्वारा किया गया। इस अवसर पर दिए गए वक्तव्य में उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक समेत अन्य बीमारियों का दौरा पड़ने पर कई बार जानकारी के अभाव में प्राथमिक इलाज न मिलने से पीड़ित की मौत हो जाती है। बेसिक लाइफ सेविंग की जानकारी से बिना किसी उपकरण मरीज को अस्पताल पहुंचने तक सांस देकर जान को बचाया जा सकता है। कुलपति ने इस प्रशिक्षण कोर्स के शुभारम्भ पर शुभकामनायें दीं।

कार्यक्रम का आयोजन एनेस्‍थीसियोलॉजी एंड क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट के हेड प्रो जीपी सिंह और प्रो0 मोनिका कोहली के नेतृत्‍व में किया गया। प्रो जीपी सिंह ने बताया कि यद्यपि कोरोना का प्रकोप काफी कम हो गया है कि लेकिन फि‍र भी हम पूरी सतर्कता बरतते हुए स्‍कूलों, कार्यालयों जैसे स्‍थानों पर पहुंच कर वहां के लोगों को सीपीआर का प्रशिक्षण देंगे। इसके लिए कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जायेगी। इस अवसर पर कार्यक्रम में अधिष्ठाता, पैरामेडिकल साइंसेस प्रो0 विनोद जैन, डॉ हेमलता, डॉ सतीश वर्मा, डॉ प्रेम राज सिंह, डॉ रवि प्रकाश एवं छात्र-छात्राएं प्रमुख रूप से सम्मिलित हुए।

2 comments

  1. Very good initiative by KGMU. Infact it should be done mandatory quaterly course for school kids and compulsory for all Adhar card users(atleast one person of family in pilot project) in India.
    This is something must be educated like twinkle twinkle little star poem with practical knowledge on dummy.

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