-इप्सेफ के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया राजनाथ सिंह ने
-कर्मचारियों की अन्य मांगों को लेकर भी प्रस्ताव मांगा गया है कैबिनेट सचिव से
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। लखनऊ के सांसद व केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की किस्त के भुगतान के लिए गंभीरता से क्रियान्वयन किया जा रहा है, शीघ्र ही इस बारे में घोषणा की जायेगी, इसके अतिरिक्त इप्सेफ की अन्य मांगों के लिए कैबिनेट सचिव से कहा गया है कि वे इप्सेफ से बात करने के बाद मांगों पर निर्णय के लिए सरकार के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करे।
यह जानकारी देते हुए इप्सेफ के राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्र ने बताया कि इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र के नेतृत्व में शशि कुमार मिश्र, उपाध्यक्ष सुरेश कुमार रावत, अशोक कुमार, आशीष पांडे, गिरीश कुमार मिश्र एवं राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्र के 7 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने लखनऊ में राजनाथ सिंह से मिलकर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की किस्तों का भुगतान सहित अन्य मांगों को पूरा करने की मांग की, इसके साथ ही यह भी कहा कि कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी की गई तो इप्सेफ को बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा।
उन्होंने बताया कि श्री मिश्र ने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि देश में बढ़ रही भीषण महंगाई से कर्मचारी अत्यधिक त्रस्त हैं इसलिए बकाया महंगाई भत्ते की किस्तों का भुगतान तत्काल किया जाए। इसके अलावा कोरोना बीमारी में ड्यूटी करने वाले नर्सेज, फार्मेसिस्ट, लैब तकनीशियन एवं सभी पैरामेडिकल स्टाफ की मृत्यु पर प्रधानमंत्री के कल्याण कोष से 50 लाख रुपए का भुगतान का कार्य तेजी से किया जाए, बीमा कंपनी शिथिलता कर रही हैं। इसके अतिरिक्त मृतक आश्रित की नियुक्ति पारिवारिक पेंशन एवं सभी भुगतान तत्काल किया जाए। नियुक्तियों में संविदा/आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को वरीयता दी जाए।
उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री से यह भी मांग की गई कि रिक्त पदों पर भर्ती, पदोन्नतियां एक माह में कर दी जाएं। 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पेंशन निर्धारण में एक वेतन वृद्धि जोड़ी जाए। इस पर न्यायालय का आदेश भी हो चुका है। एक देश एक वेतन देने की भी मांग की गई।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशि कुमार मिश्र एवं अशोक कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में वेतन विसंगतियों, 7 भत्तों की समाप्ति, स्थानीय निकाय कर्मचारियों के संवर्ग का पुनर्गठन, रिक्त पदों पर भर्ती, राज्य सड़क परिवहन सहित सभी राजकीय निगमों को सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल पाया है। निगमों के कर्मचारियों को तो समय से वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार को ही इस पर फैसला लेना है, इससे कर्मचारी नाराज हैं।
उन्होंने बताया कि राजनाथ सिंह ने आश्वस्त किया कि उनका कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति हमेशा सार्थक दृष्टिकोण रहा है और रहेगा। कोरोना महामारी में कर्मचारियों ने जान पर खेलकर मरीजों की सेवा की है और कर रहे हैं तथा आर्थिक संकट में एक दिन का वेतन देकर सहयोग भी किया था इसलिए सरकार का भी दायित्व है कि वह कर्मचारियों को भी आर्थिक संकट से उबारे।