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कर्मचारियों ने तो बहुत कुछ किया, सरकार को भी निभाना चाहिये अपना कर्तव्‍य

-इप्‍सेफ ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र, रोकी गयी महंगाई भत्‍ते की किस्‍त दिलायें

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र एवं महामंत्री प्रेमचंद्र ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा रोकी गई महंगाई भत्ते की किस्त को बहाल कर के भुगतान कराएं क्योंकि निरंतर बढ़ रही महंगाई से कर्मचारी परिवार का खर्च नहीं चल पा रहा है। बढ़ती महंगाई की क्षतिपूर्ति के लिए ही महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की जाती है। उन्होंने बताया कि कई राज्य में वेतन में भी कटौती की गई है। कई राज्यों में बोनस का भी भुगतान नहीं किया गया है।

दोनों नेताओं ने नाराजगी व्यक्त की है कि कोविड-19 के इलाज में लगे लाखों नर्सेज फार्मेसिस्ट, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्निशियन, सहित अन्य पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी एवं अन्य विभागों के कर्मचारियों की जानें भी चली गई और अभी भी संक्रमित हो रहे हैं परंतु उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रोत्साहित नहीं किया और न कोई आर्थिक सहायता दी है। कर्मचारियों ने 1 दिन का वेतन देकर सरकार का सहयोग भी किया। संकट की घड़ी में कोई आंदोलन भी नहीं किया, इसलिए सरकार को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।

इप्सेफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशि कुमार मिश्र, सुरेश रावत डॉक्टर के के सचान सचिव अतुल मिश्रा ने प्रसन्नता व्यक्त की है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने रिक्त पदों पर भर्ती एवं पदोन्नतिया तेजी से कर रही है परंतु केंद्र एवं अधिकांश राज्य में रिक्त पदों पर भर्ती एवं पदोन्नतिया अभी नहीं की जा रही हैं। मध्य प्रदेश सहित अनेक राज्य में बोनस का भुगतान नहीं किया गया है जिसमें स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारी भी शामिल हैं।

इप्सेफ के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि कर्मचारियों की समस्याओं पर प्राथमिकता से समाधान करके सरकार एवं कर्मचारियों के बीच आपसी सामंजस्य बनाने का प्रयास करें। दुखी कर्मचारी से वांछित कार्य नहीं लिया जा सकता है।