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कोविड से कराहते शहर पर वायु प्रदूषण की चौगुनी मार, विशेषज्ञ बोले, विशेष सावधानी बरतें श्‍वास के रोगी

-प्रदूषण के जिम्‍मेदार पार्टिकल्‍स ने सूरज की रोशनी की मद्धिम

-नगर निगम ने शुरू किया पेड़ों और सड़कों पर पानी का छिड़काव अभियान

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

प्रो राजेन्‍द्र प्रसाद

लखनऊ। वैश्विक महामारी कोविड-19 के बीच प्रदूषण का भी चार गुना वार लखनऊवासियों को झेलना पड़ा है। सामान्‍य तौर पर 100 वायु गुणवत्‍ता का सूचकांक (एयर क्‍वालिटी इन्‍डेक्‍स एक्‍यूआई) 100 तक नॉर्मल माना जाता है, इससे ज्‍यादा होने पर प्रदूषण की श्रेणी बढ़ी हुई मानी जाती है, गुरुवार को राजधानी लखनऊ का वायु गुणवत्‍ता का सूचकांक औसत 400 के आसपास रहा। यानी लखनऊ पर प्रदूषण की चौगुनी मार पड़ी। पटेल चेस्‍ट इंस्‍टीट्यूट नयी दिल्‍ली के निदेशक, केजीएमयू के पल्‍मोनरी विभागाध्‍यक्ष सहित अनेक राष्‍ट्रीय पदों पर रह चुके वर्तमान में ऐरा मेडिकल यूनिवर्सिटी के पल्‍मोनरी विभाग के अध्‍यक्ष प्रो राजेन्‍द्र प्रसाद ने का कहना है कि इस तरह प्रदूषण सामान्‍य तौर पर ही सेहत के लिए अत्‍यन्‍त नुकसानदायक होता है, और अब जब कि कोरोना काल चल रहा है, तो ऐसे में सभी व्‍यक्तियों को सावधान रहने की आवश्‍यकता है, श्‍वास के रोगियों को तो विशेष रूप से सावधानी बरतनी चाहिये।  

ज्ञात हो गुरुवार 5 नवम्‍बर को एक्‍यूआई और खराब स्थिति में पहुंचकर लखनऊ देश के सबसे खराब शहरों की गिनती में शामिल हो गया। हालत यह हो गयी कि सूर्यदेवता चंद्रदेवता की भांति दिख रहे थे। जबकि अमूमन तेज रौशनी के चलते सूर्य की ओर देखना सम्‍भव नहीं होता है लेकिन प्रदूषण की चादर ने रौशनी की तीव्रता पर अपना परदा डाल रखा था, इसलिए सूर्य की छवि कैमरे में आसानी से कैद हो सकी।

आपको बता दें कि राजधानी लखनऊ की हवा में घुल रहा रहे प्रदूषण के जहर से लखनऊ वासियों को अनेक दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के जहर में सांस लेने से लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। आंखों में जलन हो रही है। बढ़ते हुए प्रदूषण को देख नगर निगम लखनऊ ने अपने मुख्‍य अभियान के तहत पेड़ों और सड़कों पर पानी का छिड़काव शुरू किया है। नगर निगम की माने तो पेड़ों पर पानी छिड़काव से हवा में मौजूद कई खतरनाक पदार्थ बैठ जाते हैं जिससे हवा और वातावरण में काफ़ी सुधार आता है।

पल्‍मोनरी विशेषज्ञ प्रो राजेन्‍द्र प्रसाद ने सलाह दी है कि इस मौसम में सीओपीडी, ब्रॉन्‍कल अस्‍थमा, आईएलडी जैसी श्‍वास (पल्‍मोनरी) की बीमारियों वाले रोगियों को अत्‍यन्‍त सावधानी रखने की आवश्‍यकता है। इन रोगियों को चाहिये कि अपनी दवायें रेगुलर लेते रहें, अगर किसी वजह से दवा छोड़ दी है तो अपने चिकित्‍सक से सलाह लेकर दवायें लेना शुरू कर दें अन्‍यथा गंभीर स्थिति में पहुंच सकते हैं, उन्‍होंने कहा कि अब से लेकर मार्च तक का मौसम ऐसे रोगियों के लिए काफी सावधानी बरतने वाला होता है।