-अब तक 246 लोगों की जान गयी, 6706 का चल रहा इलाज
-1014 और डिस्चार्ज, ठीक होने वालों की संख्या पहुंची 12813
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। वैश्विक महामारी कोविड-19 का उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक कहर लखनऊ पर ही टूट रहा है, पिछले कुछ समय से लगातार कोरोना से संक्रमित होने वालों का आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़े हुए है। गुरुवार 20 अगस्त को भी जारी 24 घंटों की रिपोर्ट में लखनऊ में 796 नये संक्रमित लोगों का पता चला है, यही नहीं दुखद यह भी है कि इस अवधि में 11 लोगों ने कोरोना के चलते दम भी तोड़ा है। लम्बे समय से चल रहे भारी संख्या वाले आंकड़ों ने डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों से लेकर आम लखनऊवासियों तक को परेशान कर रखा है।
हालांकि संतुष्टि की बात यह है कि कोविड संक्रमण से ग्रस्त लोगों के ठीक होने की संख्या भी अच्छी है। बीते 24 घंटों में 1014 लोगों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है, इस प्रकार लखनऊ में अब तक 12813 लोग डिस्चार्ज हो चुके हैं जबकि 246 लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं, वर्तमान में 6706 लोगों का इलाज चल रहा है।
सवाल यह उठता है कि आखिर इन बढ़ते आंकड़ों पर लगाम कैसे लगेगी, ऐसा लगता है कि इन आंकड़ों पर लगाम न लग पाने के लिए भी यहां के लोग ही जिम्मेदार हैं, क्योंकि संक्रमण को रोकने के लिए जो असरदार कवच हैं, उनका इस्तेमाल न करने में लोग अपनी शान समझते हैं। पांच महीनों से तोते की तरह रटाते-रटाते सरकार व अन्य जिम्मेदार लोग परेशान हैं लेकिन कुछ लोगों ने तो मानो तय कर रखा है कि हम नहीं सुधरेंगे। सड़कों पर निकल जाइये, बचाव के मूल मंत्रों की बखिया उधड़ती हुई दिख जायेगी। लोगों द्वारा मास्क न लगाना या फिर ठीक से न लगाना बहुत ही आम बात है, सोशल डिस्टेंसिंग यानी प्रत्येक व्यक्ति से दो गज की दूरी बनाकर रखना भी नहीं दिखेगा।
यह हाल तब है जब शुरू से यह बात समझायी जा रही है, लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही के चलते इस पर पूरी तरह से अमल नहीं हो पा रहा है। जिन बातों का ध्यान रखने से जान बचनी है, उनको नजरंदाज करना कहां की अक्लमंदी है। इन बातों को न मानने वालों का क्या इलाज है, क्या एक-एक व्यक्ति के पीछे पुलिस लगायी जाये, जो कि संभव नहीं है। जाहिर है ऐसे में समझना तो खुद को ही पड़ेगा, नहीं समझेंगे तो यह सिलसिला कैसे थमेगा।