– नौकरी छोड़ने के लिए भी अंतिम अनुमति का अधिकार सीएमओ को
– राष्ट्रीय आपदा मोचन अधिनियम 2005 के तहत आदेश जारी
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। सरकारी हों या प्राइवेट, सभी मेडिकल एवं पैरामेडिकल कर्मियों को कोविड ड्यूटी करना अनिवार्य होगा, ऐसे कर्मी न तो ड्यूटी करने से इनकार कर सकते हैं और न ही नौकरी छोड़ सकते हैं।
यह आदेश उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय आपदा मोचन अधिनियम 2005 के तहत जारी किया है, इसका उल्लंघन करने वालों पर राष्ट्रीय आपदा मोचन अधिनियम 2005 एवं भारतीय दंड संहिता 1807 की धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
जिलाधिकारी द्वारा आज 19 अगस्त को जारी आदेश में कहा गया है कि निजी कोविड अस्पतालों के साथ 18 अगस्त को हुई बैठक में कुछ चिकित्सालयों द्वारा अवगत कराया गया कि मेडिकल सेवाओं में पूर्व से कार्यरत मेडिकल कर्मी कोविड-19 ड्यूटी में अनिच्छा व्यक्त कर रहे हैं तथा सेवा को छोड़ने अथवा अनुपस्थित होने के अन्य उपाय अपना रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान समय में महामारी अधिनियम के अंतर्गत कोविड-19 को महामारी घोषित किया गया है तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन अधिनियम 2005 के अंतर्गत महामारी के नियंत्रण के लिए आपदा के रूप में महामारी का निवारण किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा है कि मैं यह आदेश देता हूं कि सभी मेडिकल एवं पैरामेडिकल कर्मी चाहे वे निजी क्षेत्र में कार्यरत हों अथवा सार्वजनिक क्षेत्र में, को सेवाओं के आवश्यक उत्तरदायित्व के अंतर्गत होने के कारण आवश्यकता पड़ने पर अनिवार्यत: उपस्थित रहना होगा।
उन्होंने कहा है कि विशेष रूप से किसी भी प्रकार के कोविड अस्पतालों में कार्यरत कर्मियों के प्रकरण में सेवा छोड़ने, अवकाश लेने अथवा अन्य अनुपस्थिति के समस्त प्रकरणों में सक्षम स्तर से पूर्व अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा उन्होंने स्पष्ट कहा कि संशय की स्थिति में सक्षम स्तर का निर्णय मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ द्वारा किया जाएगा।