स्नेहलता
लखनऊ। लिवर सिरोसिस जैसी बीमारी का नाम सुनते ही साधारणतय: एक ही इलाज समझ में आता है, वह है लाखों के खर्च वाला लिवर ट्रांसप्लांट यानी लिवर का प्रत्यारोपण। लेकिन प्रदेश सरकार में चिकित्साधिकारी रह चुके आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ गुलाब सिंह ने अपनी अनुसंधानित की हुई दवाओं से अब तक लिवर सिरोसिस के लगभग डेढ़ दर्जन मरीजों को बिना लिवर प्रत्यारोपण कराये नयी जिन्दगी दी है। खास बात यह है कि मरीज को देखे बिना उसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर ही इलाज करते हैं डॉक्टर गुलाब सिंह। ठीक हुए मरीजों में शामिल सीतापुर के मोहल्ला रोटी गोदाम के निवासी ५४ वर्षीय शम्भू दयाल के परिजन बताते हैं कि शम्भू दयाल को गुर्दे व लिवर की समस्या, खून की कमी, पेट में पानी, शरीर में सूजन आदि की शिकायत थी। इस शिकायत को लेकर लखनऊ के निराला नगर में मशहूर एक निजी अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे शम्भू दयाल की जांच में पता चला कि उन्हें लिवर सिरोसिस की शिकायत है, अस्पताल में खून चढ़ाया गया लेकिन ब्लीडिंग रुकी नहीं तो उन्हें किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय ले जाया गया लेकिन दस दिन भर्ती रहने के दौरान उन्हें दस बोतल खून और रोज एक यूनिट एल्ब्युमिन चढऩे के बाद भी जब उन्हें लाभ नहीं हुआ तो डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। इसके बाद परिजन उन्हें गोमती नगर स्थित एक बड़े अस्पताल और फिर संजय गांधी पीजीआई ले गये लेकिन वहां भी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया और दिल्ली ले जाने की सलाह दी। तभी उनके परिजनों को चिरायु आरोग्य रिसर्च सेंटर के संस्थापक डॉ. गुलाब सिंह के बारे में जानकारी मिली। डॉ. गुलाब सिंह ने इलाज शुरू किया तो पांचवें दिन ही जांच रिपोर्ट में सीरम क्रिटेनिन ०.६२ एवं हीमोग्लोबिन ८.६ निकला। इलाज के दस दिन बाद ही मरीज चलने-फिरने लगा। डॉक्टर गुलाब सिंह का मोबाइल नम्बर ९४१५०४७८३४