-नशीली दवाओं के दुरुपयोग एवम अवैध व्यापार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर लेख वरिष्ठ होम्योपेथिक चिकित्सक डॉ अनुरुद्ध वर्मा की कलम से
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 7 दिसंबर 1987 को पारित संकल्प के अनुसार प्रतिवर्ष 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग एवम अवैध व्यापार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International day against drug abuse and illicit trafficking) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष के दिवस की विषय वस्तु बेहतर देखभाल के लिए बेहतर ज्ञान पर केंद्रित है। इस दिवस का उद्देश्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग के प्रति समझ में जागरूकता उत्पन कर इसको सुधारना है तथा बेहतर ज्ञान से स्वास्थ्य पर इनके प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। नशीली दवाओं का कारोबार अपराध, भ्रष्टाचार एवँ आतंकवाद को बढ़ावा देता है जो स्वास्थ्य, सुरक्षा, न्याय शांति एवम स्थायी कल्याण के लिए खतरनाक है। नशीली दवाओं के बढ़ते प्रयोग से पूरी दुनिया चिंतित एवं परेशान है और इससे छुटकारा पाने के लिए प्रयासरत है। नशे की लत को पूरा करने के लिए लोग शराब के अतिरिक्त अनेक उन दवाइयों का प्रयोग भी नशे के लिए करते हैं जो उपचार के लिए प्रयोग की जाती हैं जैसे निकोटीन, ओपियाड, दर्द निवारक दवाइयॉं, कफ सिरप का प्रयोग नशे के लिए करते हैं इसके अतिरिक्त अफीम, मार्फीन, कोकीन, स्मैक, हशीश, एंटीडिप्रेसेंट दवाइयां, मिर्गी की दवाइयों का प्रयोग लोग करते हैं। नशे की सारी दवाइयाँ मानसिक समस्याएँ एवं गंभीर शारीरिक बीमारियां उत्पन करती हैं जो लोग नशे का इंजेक्शन लेते हैं उनको हेपेटाइटिस, एच आई वी के संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। दुनिया के करोड़ों लोग नशीली दवाओं की गिरफ्त में हैं। हमारे देश मे भी यह संख्या करोड़ों में है। इस समस्या की गंभीरता का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2016 की रिपोर्ट में बताया गया है विभिन्न एजेंसियों द्वारा 350862 किलो ग्राम ड्रग्स जब्त किए गए थे जिनमें गांजा, चरस, ऐफेड्रिन एवं हेरोइन आदि शामिल थीं।
भारत में अवैध नशीली दवाओं का व्यापार 322 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है। हेरोइन और कोकीन जैसे मादक पदार्थ भारत से अन्य देशों में अवैद्य तरीको से पहुँचाये जाते हैं और दुःखद बात यह है कि भारत भी नशीली दवाइयों के अवैध व्यापार का केंद्र बन गया है। नशीली दवाओं का प्रयोग लोग पहले मस्ती और जिज्ञासा के लिए करते हैं बाद में यही लत बन जाता है। इन नशीली दवाओं के प्रयोग अनेक प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ जैसे स्मृति विकार, असंतुलन एवम चलने में कठिनाई, चिन्ता, अवसाद, नींद की कमी, अचानक वजन का घटना या बढ़ना, लिवर की बीमारी, कैंसर, मिर्गी की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण लो ब्लड शुगर, हायपरटेंशन,, कोलेस्ट्रॉल का बढ़ जाना, दिल की बीमारी, प्रतिरक्षा में कमी एवं प्रजनन क्षमता में कमी भी आ सकती है। नशीली दवाओं के कारण शरीर जर्जर एवम कमजोर हो जाता है तथा उसकी स्थिति एक बेजान व्यक्ति जैसी हो जाती है वह अपनी बीमारी के कारण तड़पता है। ड्रग्स का लती व्यक्ति अपनी लत को पूरा करने के लिए भीख मांगते हैं चोरी और डकैती करते हैं तथा अपने घर में भी चोरी करने से नहीं चूकते हैं, यहाँ तक कि हत्या जैसे गंभीर अपराध भी कर देते हैं। नशीली दवाइयों के लती लोगों का असामाजिक तत्व भी गैर कानूनी कामों में उपयोग करते हैं। नशीली दवाओ के कारण लोगों के घर बार भी बिकते हुये देखे जा सकते हैं। पिछले कुछ दशकों में नशीली दवाओं की खपत बढ़ी है औऱ बच्चों एवं युवको को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रही है तथा गंभीर समस्याओं में से एक बन चुकी है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा फरवरी 2019 में जारी रिपोर्ट में बताया है कि देश में 10 से 75 वर्ष की आयु के 16 करोड़ से ज्यादा लोग शराब के आदी हैं जबकि 3 करोड़ लोगों ने भांग तथा लगभग इतने ही लोगों ने अफीम लेने की बात स्वीकार की है। राष्ट्रीय स्तर पर अनुमान लगाया जाता है कि लगभग 85 लाख लोग ड्रग्स का इंजेक्शन लेते हैं। महिलाओं में ड्रग्स लेने की समस्या बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है यह केवल उनके लिए नहीं बल्कि उनके परिवार के गंभीर चिंता का विषय है। संयुक्त राष्ट्र समर्थित अंतर्राष्ट्रीय नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार भारत ड्रग्स के अवैध कारोबार के प्रमुख केंद्रों में से एक है। अवैध दवाओं में कैनविस से लेकर ट्रॉमाडोल जैसी नई दवाइयॉं भी शामिल हैं। नशीली दवाओं ने पूरी दुनिया को अपने जाल में जकड़ रखा है। इस बुराई को रोकने के लिए ज्यादातर देशों ने कड़े कानून बना रखें है जबकि कुछ देशों के कानून लचीले हैं। नशीली दवाओं के अवैध व्यापार के खिलाफ भी अंतरराष्ट्रीय एवम राष्ट्रीय स्तर पर कानून बने हुये हैं, जरूरत है इनको कड़ाई के साथ लागू करने की अन्यथा नशीली दवाओं का प्रयोग और उनकी तस्करी दुनिया के लिए गंभीर समस्या बनी रहेगी और दुनिया इसमें जकड़ी रहेगी। समाज एवं सरकारों को इससे रोकथाम के लिए पूरे उपाय करने होंगे नहीं तो दुनिया का सामाजिक और स्वास्थ्य का ढांचा चरमरा जायेगा। आइये आज के दिन संकल्प लें कि इस बुराई को समाप्त कर नशा मुक्त समाज की स्थापना करेंगे।