-बिहार की रहने वाली 24 वर्षीय महिला का हुआ प्रत्यारोपण, पति ने दिया गुर्दा दान
-निदेशक ने दिये फिर से प्रत्यारोपण सुविधायें जारी रखने के निर्देश, प्रतिवर्ष होते हैं 130 से 140 गुर्दा प्रत्यारोपण
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई में गुर्दा प्रत्यारोपण टीम ने कोविड-19 काल में लॉकडाउन के बाद पहला गुर्दा प्रत्यारोपण किया है, इस टीम में नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट डिपार्टमेंट के साथ ही एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञ शामिल रहे। 24 वर्ष की बिहार की रहने वाली महिला का गुर्दा प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक 18 जून को किया गया उसे उसके 36 वर्षीय पति ने अपना एक गुर्दा दान किया था। मरीज और दानकर्ता की हालत ठीक है।
संस्थान के निदेशक प्रो आरके धीमान की ओर से यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि कोविड महामारी के मद्देनजर पूरे प्रोटोकाल का पालन करते हुए दोनों की पहले कोविड जांच करायी गयी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही प्रत्यारोपण के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू की गयी। निदेशक ने किडनी प्रत्यारोपण कार्य को जारी रखने को कहा है, उनका मानना है कि संजय गांधी पीजीआई उत्तर प्रदेश का एकमात्र ऐसा संस्थान है जहां नियमित रूप से गुर्दा प्रत्यारोपण चलता रहता है, यहां हर वर्ष 130 से 140 गुर्दा प्रत्यारोपण होते हैं, लेकिन इस कोविड महामारी के कारण हुए लॉकडाउन की घोषणा के बाद मार्च 2020 से प्रत्यारोपण सेवाएं बाधित हो गई थीं।
सरकार द्वारा महामारी की घोषणा के बाद संजय गांधी पीजीआई में यह पहला किडनी प्रत्यारोपण है। प्रत्यारोपण करने वाली टीम में प्रो अमित गुप्ता, प्रो नारायण प्रसाद, प्रो सर्वेश श्रीवास्तव, प्रो अनिल अग्रवाल सहित अन्य संकाय विशेषज्ञ शामिल रहे। विज्ञप्ति में बताया गया है कि वर्तमान में रोगी और दानकर्ता की हालत बेहतर है और वे रिकवरी कर रहे हैं।