टेस्ट ट्यूब बेबी मीट में परिवार सहित पहुंचे श्रीपत से ‘सेहत टाइम्स‘ की वार्ता
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। 17-18 वर्षों से घर में किलकारी की गूंज सुनने को तरस रहे अम्बेडकरनगर के रहने वाले श्रीपत उन भाग्यशाली लोगों में से हैं जिन्हें भ्रूण तैयार करने के एक बार के खर्च में चार साल के अंतराल में तीन टेस्ट ट्यूब बेबी का पिता बनने का सौभाग्य मिला। श्रीपत अपनी पत्नी शोभावती के साथ अपने तीनों टेस्ट ट्यूब बेबीज को लेकर अजंता हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर के टेस्ट ट्यूब बेबी कार्निवाल-2019 में हिस्सा लेने आये थे। इन पति-पत्नी की झोली में संतान की पहली बार खुशी वर्ष 2014 में नन्ही परी के रूप में आयी। इसके चार साल बाद 2018 में फिर से जुड़वा एक लड़का और एक लड़की का जन्म हुआ।
इस बारे में श्रीपत ने बताया कि वह पल्लेदारी का काम करते हैं, उनकी शादी वर्ष 1995 में हुई थी, हालांकि इसके पांच साल बाद वर्ष 2000 में सामान्य तरीके से एक बेटा पैदा हुआ था लेकिन 21 दिन बाद उसकी मृत्यु हो गयी थी। इसके बाद उन्हें कोई संतान नहीं हो रही थी। उन्होंने कहा कि एक संतान के लिए हम लोग तरस गये थे। तभी वर्ष 2013 में हमारे रिश्तेदारों ने डॉ गीता खन्ना के बारे में बताया तो हम लोग आकर मिले और फिर 23 जुलाई, 2014 को हमारी बेटी का जन्म हुआ। उन्होंने बताया कि हमारा भ्रूण हमने डॉ गीता खन्ना के ही अस्पताल में रखवा दिया था।
श्रीपत ने बताया कि इसके बाद जब बच्ची बड़ी होने लगी तो हम लोगों की चाहत संतान के लिए और बढ़ गयी, मैंने अपने माता-पिता से जिक्र किया तो मेरे वृद्ध माता-पिता जिनकी उम्र करीब 70 वर्ष है, ने कहा कि ठीक है जैसा तुम लोगों ठीक समझो करो। फिर अगले साल वर्ष 2016 में हम लोगों ने डॉ गीता खन्ना से अपनी इच्छा जतायी तो उन्होंने कहा कि अभी थोड़ा समय रुको। इसके कुछ समय बाद फिर हम लोग मिले तो करीब छह माह दवा खिलाने के बाद हमारा फ्रीज किया हुआ भ्रूण फिर से उपयोग मे लाया गया, और एक बार फिर से मेरी पत्नी गर्भवती हो गयी। इसके बाद 27 फरवरी, 2018 को पत्नी ने जुड़वा बच्चों एक लड़का व एक लड़की को जन्म दिया। मैं, मेरी पत्नी और मेरे घरवाले इसके लिए डॉ गीता खन्ना की बहुत ही शुक्रगुजार हैं।