-28 सितम्बर को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में हुई थी ऑर्थोपैडिक व मेडिसिन विभाग के रेजीडेंट डॉक्टरों की भिड़ंत
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित ट्रॉमा सेंटर में 28 सितम्बर को रेजीडेंट्स डॉक्टरों के दो गुटों के बीच हुई लड़ाई में पांच और रेजीडेंट डॉक्टरों को निलंबित किया गया है। इनमें तीन ऑर्थोपैडिक विभाग के तथा दो मेडिसिन विभाग के हैं। इस तरह से अब तक 11 रेजीडेंट डॉक्टरों को निलंबित किया जा चुका है। इनमें छह ऑर्थोपैडिक विभाग के तथा पांच मेडिसिन विभाग के हैं। जांच समिति ने प्राथमिक जांच में इन सभी रेजीडेंट डॉक्टरों को लड़ाई, गालीगलौज, केजीएमयू की सम्पत्ति नुकसान पहुंचाने तथा विवि की छवि धूमिल करने का दोषी पाया है।
चीफ प्रॉक्टर प्रो आरएएस कुशवाहा ने अनुसार जिन पांच और रेजीडेंट को निलंबित कर हॉस्टल छोड़ने के आदेश हुए है उनमें ऑर्थोपैडिक विभाग के डॉ धीरेन्द्र वर्मा, डॉ आदर्श सेंगर व डॉ रोहित शुक्ला तथा मेडिसिन विभाग के डॉ अजहर व डॉ नीरज शामिल हैं। इससे पहले ऑर्थोपैडिक विभाग के डॉ राहुल शुक्ला, डॉ शुभम, डॉ अनुश्रव राव तथा मेडिसिन विभाग के डॉ मयंक, डॉ प्रद्युम्न मॉल तथा डॉ कृष्ण पाल सिंह परमार को निलंबित किया जा चुका है।
आपको बता दें 28 सितम्बर को ऑर्थोपैडिक विभाग के कुछ रेजीडेंट्स ने बाहर आयोजित किसी पार्टी में शराब पी थी, इसके बाद दो रेजीडेंट्स डॉ रजनीश व डॉ प्रांजल अधिक शराब पीने के कारण बेहोश हो गये थे, इसके बाद बेहोश दोनों डॉक्टरों को इलाज के लिए ट्रॉमा सेंटर स्थित एमईटीसी (मेडिसिन) वार्ड में भर्ती कराया गया। इसके बाद उपचार के दौरान किसी बात को लेकर भर्ती कराने आये ऑर्थोपैडिक विभाग के रेजीडेंट्स डॉक्टर डॉ शुभम सिंह, डॉ राजीव शुक्ला, डॉ धीरेन्द्र वर्मा, डॉ आदर्श सेंगर, डॉ अनुश्रव रायराय एवं डॉ रोहित, जो खुद भी शराब पिये हुए थे, ने किसी बात को लेकर उपचार कर रहे डॉक्टरों से गाली-गलौज, मारपीट, अपशब्दों का प्रयोग किया था।
इसके बाद मेडिसिन विभाग के रेजीडेंट्स डॉक्टरों ने अपने साथियों को बुला लिया तथा ग्रुप बनाकर ऑर्थोपैडिक विभाग के रेजीडेंट्स को मारने के लिए ऑर्थोपैडिक वार्ड में पहुंचे, लेकिन इस बीच मेडिसिन विभाग की ओर से सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस के कारण डॉक्टरों की पिटाई करने में सफल नहीं हो सके, तो इन डॉक्टरों ने जमकर तांडव करते हुए ऑर्थोपैडिक विभाग में जबरदस्त तोड़फोड़ की थी, जिससे वहां का कम्प्यूटर टूट गया था और नर्सिंग स्टेशन सहित सारा सामान अस्तव्यस्त हो गया था।