लखनऊ। धूम्रपान, प्रदूषण व फास्ट फूड के बढ़ते प्रचलन के कारण उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में अस्थमा के रोगियों की संख्या बढ़ रही है, उत्तर प्रदेश में इस समय लगभग 60 हजार अस्थमा के रोगी हैं। यह बात आज यहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित अस्थमा शिविर के दौरान किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सूर्यकांत ने कही।
आईएमए ने लगाया नि:शुल्क अस्थमा शिविर
आईएमए में आयोजित शिविर में 53 लोगों की नि:शुल्क जांच व उपचार किया गया। मरीजों की जांच डॉ. सूर्यकांत व डॉ अजय कुमार वर्मा ने की। शिविर में रोगियों की पीएफटी यानी पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट नि:शुल्क किया गया साथ ही इन्हेलर थेरेपी के बारे में मरीजों को जानकारी दी गयी और उन्हें नि:शुल्क इन्हेलर व दवाओं का वितरण किया गया।
पहचान पीएफटी से, उपचार इन्हेलर से
प्रो. सूर्यकांत ने उपस्थित मरीजों को सम्बोधित करते हुए बताया कि अस्थमा के प्रमुख कारणों में सांस फूलना, पसली चलना, सीने में भारीपन तथा बार-बार सर्दी-जुकाम व खांसी होना। उन्होंने बताया कि अस्थमा के सही निदान के लिए पीएफटी जरूरी है, तथा सही उपचार इन्हेलर से ही होता है, इसे चिकित्सक की सलाह से नियमित रूप से लेना चाहिये। डॉ.सूर्यकांत व डॉ.अजय कुमार वर्मा ने सलाह दी अस्थमा के रोगियों को धूम्रपान व प्रदूषण से बचना चाहिये तथा शुद्ध शाकाहारी भोजन, हरी सब्जियां व फल प्रचुर मात्रा में लेने चाहिये। उन्होंने कहा कि बच्चों व अस्थमा के रोगियों को फास्ट फूड का सेवन नहीं करना चाहिये।