-लोहिया संस्थान और मातृ-शिशु रेफरल चिकित्सालय के बीच शटल बस सेवा शुरू हो रही
-ऑर्थोपैडिक सर्जरी के लिए उन्नत तकनीक के नेविगेटर का भी होगा उद्घाटन
-27 सितम्बर को चिकित्सा शिक्षा मंत्री देंगे मरीजों को सहूलियतों की कई सौगातें
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। 27 सितम्बर को लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीजों के लिए कुछ और सुविधाओं की शुरुआत होने जा रही है। मुख्य कैम्पस से संस्थान के राम प्रकाश गुप्ता मातृ एवं शिशु रेफरल चिकित्सालय शहीद पथ के बीच मरीजों को डॉक्टर द्वारा रेफर किये जाने की स्थिति में उन्हें लाने ले जाने की सुविधा के लिए शटल बस सेवा, कई दिनों में होने वाली ब्लड, स्पुटम कल्चर की जांच अब सिर्फ एक घंटे में करने वाली माल्डीटॉफ मशीन तथा ऑर्थोपैडिक विभाग में नेविगेटर का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना करेंगे।
यह जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक प्रो एके त्रिपाठी ने बताया कि संस्थान के मुख्य कैंपस से राम प्रकाश गुप्ता मातृ एवं शिशु रेफरल चिकित्सालय शहीद पथ के बीच की दूरी करीब 9 किलोमीटर है। रेफरल चिकित्सालय से मरीज को डॉक्टर को दिखाने के लिए अगर संस्थान के मुख्य कैम्पस भेजा जाता है या फिर मुख्य कैम्पस से रेफरल हॉस्पिटल भेजा जाना है तो ऐसे मरीजों को अस्पताल का एक अटेन्डेंट अपने साथ लायेगा और डॉक्टर को दिखा कर वापस ले जायेगा। इसके लिए सम्बन्धित डॉक्टर से पहले से ही सूचित कर दिया जायेगा जिससे मरीज के पहुंचने पर उसे जल्दी ही देखा जा सके। इस शटल बस सेवा का लाभ कार्यालय के कर्मचारियों को 300 रुपये प्रतिमाह देकर मिल सकेगा, इसके अतिरिक्त मरीज के तीमारदार इससे जायेंगे तो उन्हें पांच रुपये देने होंगे। इस शटल बस सेवा का उद्घाटन शुक्रवार को किया जाना है।
प्रो त्रिपाठी ने बताया कि इसके अलावा माइक्रोबायोलॉजी विभाग में माल्डीटॉफ मशीन का उद्घाटन भी किया जायेगा। इस मशीन के लगने से फायदा यह होगा कि यह सटीक जांच करेगा, जल्दी जांच करेगा, एक साथ कई सैम्पल की जांच हो सकेगी तथा सस्ता भी पड़ेगा। उन्होंने बताया कि अभी तक रक्त, स्पुटम को कल्चर किया जाता है और उसके बाद विभिन्न तरीकों से जानने की कोशिश की जाती है कि कौन का बैक्टीरिया, फंगस है, इसमें कई दिन लग जाते थे, अब इस सुविधा के बाद से इसकी जांच के लिए रक्त या स्पुटम के नमूने को लोड कर दिया जायेगा तथा एक घंटे में पता लग जायेगा कि कौन का बैक्टीरिया है।
प्रो त्रिपाठी ने बताया कि इसी प्रकार ऑर्थोपैडिक विभाग में एक नेविगेटर का भी उद्घाटन किया जायेगा, इस मशीन से शल्य चिकित्सा के दौरान शरीर के अंदर का रास्ता देखने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि यह नेविगेटर इतना सेंसटिव है कि सर्जन जैसे ही सर्जरी करने के लिए उपकरण मरीज के शरीर पर लगाकर ट्यूब डालेंगे तो यह तुरंत ही अंदर की स्थिति डिस्प्ले कर देगा कि कैसे-कैसे कहां रास्ता है, कहां जाना है। उन्होंने बताया कि इस मौके पर मंत्री द्वारा एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए प्रेरक उद्बोधन भी दिया जायेगा।