वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे पर आईएमए में सीएमई में विशेषज्ञों ने किया आह्वान
आईएमए वूमन डॉक्टर्स विंग व लायन्स क्लब के सहयोग से की गयी आयोजित
लखनऊ। कोमा (गहन बेहोशी) की स्थिति या ब्रेन डेड होने पर मरीज के वे अंग जो दूसरों को नया जीवन दे सकते हैं, को दान करने के लिए परिजनों को बहुत समझाया जाता है, इनमें कुछ परिजन तैयार होते हैं जबकि कुछ परिजन नहीं तैयार होते हैं।
यह बात आज यहां आईएमए भवन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की वूमन डॉक्टर्स विंग द्वारा लायन्स क्लब के सहयोग से समारोह में वक्ताओं ने कही। वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में केजीएमयू के लिवर प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ अभिजीत चन्द्रा, कार्निया प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ अरुण शर्मा तथा डॉ अर्चना रानी ने विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किये।
यह जानकारी देते हुए आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष डॉ जीपी सिंह ने बताया कि समाज में लोगों को अंगदान के लिए जागरूक करने की जरूरत है। हालांकि जागरूकता का यह कार्य किया जा रहा है लेकिन इसमें सभी के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा देहदान के लिए भी जागरूक किया जाता है और इसमें कुछ कानूनी अड़चनें भी नहीं है, उन्होंने बताया कि हां अंगदान में अवश्य ही कुछ औपचारिकतायें हैं जिन्हें पूर्ण किया जाना आवश्यक होता है, लेकिन वे भी ऐसी नहीं हैं कि पूरा करने में दिक्कत हो।
डॉ अरुण शर्मा ने नेत्रदान के प्रति जागरूक करने का आह्वान करते हुए बताया कि बहुत से लोगों को भ्रम होता है कि नेत्रदान में आंख निकाल ली जाती है, ऐसा नहीं है, व्यक्ति की मौत के बाद उसकी दोनों आंखों से सिर्फ कार्निया निकालकर रख ली जाती हैं जिससे दो लोगों की अंधेरी जिन्दगी में उजाला किया जाता है।
डॉ अभिजीत चन्द्रा ने बताया कि अब तो केजीएमयू में भी लिवर प्रत्यारोपण शुरू हो चुका है, और परिजनों द्वारा दान किये गये लिवर के साथ ही कैडेवर यानी ब्रेन डेड मरीज से निकाला गया लिवर प्रत्यारोपण भी सफलतापूर्वक किया गया है।
केजीएमयू के एनाटमी विभाग की डॉ अर्चना रानी ने देहदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को सबसे पहले एनाटमी के बारे में ही पढ़ाया जाता है। इसके बिना मेडिकल की पढ़ाई शुरू ही नहीं होती है। एनाटमी की पढ़ाई में मृतदेह का काफी महत्व है, इसलिए लोगों को चाहिये कि देहदान के प्रति जागरूकता के लिए आगे आयें।
इससे पहले समारोह की शुरुआत आईएमए यूपी के अध्यक्ष डॉ एएम खान, आईएमए की वूमन डॉक्टर विंग की चेयरपर्सन डॉ रुखसाना खान, आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष डॉ जीपी सिंह, प्रेसीडेन्ट इलेक्ट डॉ रमा श्रीवास्तव, सचिव डॉ जेडी रावत, डॉ मंजू शुक्ला, डॉ सरिता सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ की। आईएमए की वूमन डॉक्टर विंग की चेयरपर्सन डॉ रुखसाना खान ने अंगदान के प्रति लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस पुनीत कार्य में सबके सहयोग और भागीदारी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हालांकि आजकल बहुत से लोग अंगदान के लिए आगे आ रहे हैं लेकिन जरूरत के हिसाब से इसके लिए लोगों को और जागरूक करने की आवश्यकता है। इस मौके पर आईएमए लखनऊ की प्रेसीडेंट इलेक्ट डॉ रमा श्रीवास्तव ने भी अंगदान और देहदान का महत्व बताते हुए सभी से इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने की अपील की।
कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों का स्वागत आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष डॉ जीपी सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापित आईएमए लखनऊ के सचिव डॉ जेडी रावत ने किया। कार्यक्रम में लायन्स क्लब के गवर्नर मनोज रुहेला ने लायन्स क्लब की ओर से चिकित्सकों का आभार जताते हुए कहा कि अंगदान देकर जीवनदान देना अत्यंत पुनीत कार्य है, इसके लिए जहां लोगों को जागरूक होना पड़ेगा वहीं चिकित्सकों का भी हम आभार जताते हैं जो इस पुनीत कार्य में लगे हुए हैं। उन्होंने इस सम्बन्ध में लायन्स क्लब की ओर से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया।