मुख्यमंत्री को भेजा पत्र कहा, प्रशासनिक अधिकारियों का रवैय्या न बदला तो होगा आंदोलन
लखनऊ। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तर प्रदेश ने बुलंदशहर में जिलाधिकारी द्वारा बुलंदशहर के जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के साथ सार्वजनिक रूप से अभद्र एवं अमर्यादित व्यवहार करने पर गहरा रोष जताया है, तथा निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए चेतावनी दी है कि समय रहते प्रशासनिक अधिकारी अगर अपने व्यवहार में परिवर्तन नहीं लाते हैं तो मजबूर होकर संघ को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ेगा।
संघ के महामंत्री डॉ अमित सिंह ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा है कि बुलंदशहर के जिला अधिकारी द्वारा वहां के जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के साथ जो अशोभनीय और अमर्यादित व्यवहार किया गया है इससे चिकित्सकों का मनोबल गिरा है, इस तरह का व्यवहार करना इन जिलाधिकारी की आदत बन चुका है। संघ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि समय रहते प्रशासकीय अधिकारी अपने आचरण एवं व्यवहार में परिवर्तन नहीं लाते हैं तो विवश होकर अपने मान सम्मान की रक्षा के लिए हम लोगों को आंदोलनरत होना पड़ेगा।
महामंत्री डॉ अमित सिंह ने कहा है कि जिलाधिकारी का इस तरह का आचरण सिर्फ सेवा नियमावली के विरुद्ध ही नहीं, जिला अधिकारी पद की गरिमा के विरुद्ध भी है। उन्होंने कहा है कि प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तर प्रदेश ने समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया में प्रचलित वीडियो का स्वत संज्ञान लेते हुए ऐसे अपमानजनक एवं व्यवहार के विरुद्ध मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए। इस संबंध में संघ भवन में एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई जिसमें पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसे अमर्यादित आचरण के के प्रति चिकित्सा संघ घोर निंदा प्रस्ताव पारित करता है एवं भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके इसलिए मुख्यमंत्री से चिकित्सा जगत के हित में हस्तक्षेप की भी मांग करता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक पत्र मुख्यमंत्री को भी भेजा गया है। बैठक के बाद संघ ने वायरल हो रहे वीडियो की क्लिप भी ‘सेहत टाइम्स’ को भेजी है।
संघ के अध्यक्ष डॉ सचिन वैश्य ने इस बारे में बताया कि यह पूरे चिकित्सा सेवा जगत का अपमान है जिलाधिकारी भी एक अधिकारी हैं और उन्हें भी प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखना चाहिए। इस तरह की घटनाओं से चिकित्सकों का मनोबल टूटता है। महासचिव डॉ अमित सिंह ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को अपने आचरण में सुधार करने की अत्यंत आवश्यकता है, उन्होंने कहा की एक तरफ तो प्रदेश में चिकित्सकों की ऐसे ही भारी कमी है ऊपर से इस तरह की घटनाओं से उनका मनोबल और टूटेगा। इस आपातकालीन बैठक उपाध्यक्ष मुख्यालय डॉ विकासेन्दु अग्रवाल, उपाध्यक्ष डॉ विनय सिंह यादव, अपर महामंत्री डॉ अनिल कुमार त्रिपाठी, वित्त सचिव डॉ मोहित सिंह, संपादक डॉ आशुतोष कुमार दुबे सहित अनेक चिकित्सक मौजूद थे।
यह घटना तो बानगी भर है…
सूत्र बताते हैं कि दरअसल बुलंदशहर की यह घटना तो बानगी भर है, इस तरह की छोटी-बड़ी घटनायें अक्सर होती रहती हैं, प्रशासनिक अधिकारियों का चिकित्सकों के प्रति व्यवहार काम के बोझ से दब रहे डॉक्टरों के अंदर रोष पनपा रहा है। इसीलिए डॉक्टरों की ओर से इस तरह की तीखी प्रतिक्रिया आयी है।
पीएमएस संघ द्वारा उपलब्ध कराया गया वीडियो
(‘सेहत टाइम्स’ इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है)