विश्व मलेरिया दिवस पर आम जनता को सीएमओ ने दिया जागरूकता का संदेश
लखनऊ।गर्मियों का मौसम आया साथ मच्छरजनित रोगों से होने वाली बीमारियों का डर भी बढ़ गया। मच्छरजनित रोगों में एक रोग मलेरिया का भी प्रकोप इस मौसम में बढ़ जाता है। इसीलिए सम्पूर्ण विश्व में 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। मलेरिया होने पर दवा करना तो मजबूरी है ही लेकिन बेहतर यह होगा कि मलेरिया से बचाव हो जाये इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स बुलाकर प्रेस के माध्यम से जनता को जगाने का काम किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेन्द्र अग्रवाल ने सलाह दी कि हर रविवार मच्छर पर वार कार्यवाही के अंतर्गत घर में कूलर, बाल्टी , घड़े तथा ड्रम का पानी साप्ताहिक अंतराल पर बदलते रहें |
उन्होंने कहा कि घर के आस पास सफाई का विशेष ध्यान रखें, पानी एकत्र न होने दें, पानी एकत्रित होने वाले स्थानों को मिट्टी से भर दें, यदि संभव हो तो कुछ बूंद मिट्टी के तेल/ जले हुये मोबिल आयल का अवश्य डाल दें | सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें | शरीर पर मच्छर निरोधक औषधियों/नीम तथा सरसों के तेल को खुले भागों पर लगाएँ, नीम की पत्ती का धुआं करें व पूरी आस्तीन का कपड़ा पहनें |
डा नरेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि विश्व मलेरिया दिवस हर वर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है | इस वर्ष इस दिवस की थीम है “ zero malaria starts with me” जिसका तात्पर्य है स्वयं को मलेरिया से मुक्त रखने की शुरुआत| जन सामान्य तक इस संदेश को पहुंचाना है कि सर्वप्रथम स्वयं, फिर अपने परिवार को तत्पश्चात अपने मोहल्ले को, उसके बाद अपने समुदाय गाँव व कार्यालय को मलेरिया से मुक्त करें | यह तभी संभव हो पाएगा जब मच्छर न उत्पन्न हों | इसके लिए आवश्यक है कि मच्छर जनित परिस्थितियाँ हीं न उत्पन्न होने पाएँ | अतः अपने घर व घर के आस पास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें | डॉ. अग्रवाल ने बताया कि जनवरी 2019 से अभी तक 47,613 बुखार से पीड़ित लोगों की रक्त पट्टिका संग्रह की गयी है | जिसमें 45 मलेरिया धनात्मक पाये गए, आमूल उपचार किया गया|
नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम, लखनऊ डॉ. के.पी. त्रिपाठी ने बताया कि विश्व मलेरिया दिवस के आयोजन के संबंध में 6 विभागों स्वास्थ्य, शिक्षा, नगर निगम, पशुपालन, सिंचाई व ग्राम्य विकास विभागों की जिला समन्वयन समिति की बैठक 23 अप्रैल को आयोजित की गयी | डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि इस अवसर पर मलेरिया रोग के प्रचार प्रसार हेतु विद्यालयों में जन जागरूकता रैली का आयोजन किया जाएगा व जनपद में गोष्ठी आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जायेगा| 25 अप्रैल को सुबह 8 बजे हुसड़िया चौराहे से एक जनजागरूकता रैली निकाली जाएगी और दोपहर 12 बजे मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में एक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा | आशा, एएनएम एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर घर में हर रविवार – मच्छर पर वार स्लोगन का प्रचार प्रसार कर समुदाय को मच्छरों के काटने से बचें ,इसके लिए लोगों को प्रेरित करेंगे तथा यह जानकारी देंगे कि अपने घर में मच्छर जनित परिस्थितियाँ न उत्पन्न होने दें|
जिला मलेरिया अधिकारी डी एन शुक्ला ने बताया कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर रैपिड रिसपॉन्स टीम गठित की गयीं हैं, जो संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर आवश्यकतानुसार कार्यवाही संपादित करती है।| डी एन शुक्ला ने बताया कि सभी चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य केंद्र में फीवर हेल्प डेस्क कार्यरत है जहां पर बुखार पीड़ितों का पंजीकरण कर उनकी जांच व उपचार में मदद की जाती है | बुखार होने पर राजकीय चिकित्सालाय (प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों ) पर रक्त की जांच अवश्य कराएं | निःशुल्क जांच तथा उपचार की सुविधा उपलब्ध है | खासकर गर्भवती महिलाएं व 1 वर्ष से कम आयु के बच्चे बिना चिकित्सक की सलाह के दवाई आदि न लें |
क्या होता है मलेरिया ?
मलेरिया एक ऐसी बीमारी होती है जो एक परजीवी बैक्टीरिया प्लास्मोडियम द्वारा मादा एनाफिलीस मच्छर के काटने से होती है | यह बैक्टीरिया इतने छोटे होते हैं कि हम इन्हें आँखों से नहीं देख सकते हैं | इन बैक्टीरिया के व्यक्ति की लाल रक्त कोशिकाओं में फैलने से मलेरिया बुखार आता है | ये मच्छर पानी इकट्ठा करने वाले बर्तनों/टंकियों, छत पर पानी की टंकियों , साफ पानी, नालियों में पैदा होता है |
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया में जाड़ा व कंपन देकर 1-2 दिन छोड़कर तेज बुखार आता है और यह पसीने के साथ उतरता है | यह बुखार प्रतिदिन 3 से 4 घंटे तक रहता है | इसके अतिरिक्त रोगी को एनारोक्सिया( खाना देखकर जी मिचलाना) व भूख कम लगती है और सिर तथा बदन में दर्द रहता है व उल्टियाँ होती हैं | बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी होती है |