आईएमए की बैठक में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट सहित कई मुद्दों पर चर्चा
महानिदेशक से की प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात, आचार संहिता के बाद समाधान का आश्वासन
लखनऊ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की उत्तर प्रदेश शाखा ने निजी अस्पतालों के लिए हर साल मुख्य चिकित्सा अधिकारी के यहां रजिस्ट्रेशन कराने की प्रक्रिया को कुछ जिलों में ऑनलाइन किये जाने पर असहमति जताते हुए इसे ऑफलाइन करने की मांग की है। इसके साथ ही क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को हरियाणा मॉडल पर लागू करने भी मांग की है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की उत्तर प्रदेश शाखा के अध्यक्ष डॉ एएम खान और आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशियलिस्ट यूपी के चेयरमैन डॉ सूर्यकांत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आईएमए की प्रदेश स्तरीय सभी इकाइयों की बैठक में एक स्वर से राय थी कि रजिस्ट्रेशन की जटिल प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिये।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर हर साल कराया जाने वाले रजिस्ट्रेशन में कुछ प्रक्रियायें इतनी अव्यवहारिक हैं जिसे पूरा करने में बहुत कठिनाई होगी। इसके अलावा कुछ जिलों में तो यह प्रक्रिया ऑफलाइन है जबकि कुछ जिलों में इसे ऑनलाइन ही रखा गया है, जो कि चिकित्सकों के लिए और भी दिक्कत की बात है।
बैठक में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर भी विचार हुआ जिसमें सभी का कहना था कि इस एक्ट में प्रदेश सरकार चाहे तो संशोधन कर सकती है जैसा कि हरियाणा सरकार ने किया है। हरियाणा में 50 बेड तक के छोटे अस्पतालों को इस एक्ट से बाहर रखा गया है। चिकित्सकों का कहना है कि इस एक्ट के अनुसार छोटे से छोटे नर्सिंग होम में भी पहुंचे मरीज को प्राथमिक चिकित्सा देने के साथ ही उसकी हालत स्थिर करने के बाद ही उसे रेफर किया जाना चाहिये। अध्यक्ष डॉ एएम खान कहते हैं कि यह शर्त पूरा करने में बहुत दिक्कत आयेगी। उन्होंने कहा कि अगर छोटा अस्पताल है और वहां कोई हार्ट या ब्रेन स्ट्रोक जैसा मरीज पहुंच गया जिसे जल्दी से जल्दी यानी गोल्डेन आवर वाले समय में विशेषज्ञ स्तर की चिकित्सा की आवश्यकता है, ऐसे में जिस अस्पताल वह पहुंचा है वहां उसकी हालत स्थिर करने लायक चिकित्सक और उपकरण नहीं है तो ऐसे में अस्पताल अपनी यह जिम्मेदारी कैसे निभा पायेगा कि हालत स्थिर करने के बाद ही मरीज को रेफर करे।
डॉक्टरद्वय ने बताया कि एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने इस विषय में उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ पद्माकर सिंह से मुलाकात की। इस पर महानिदेशक ने आचार संहिता लगे होने का हवाला देते हुए आश्वासन दिया है कि चुनाव बाद इस मुद्दे पर विचार किया जायेगा। डॉ खान ने बताया कि यूपी आईएमए की एक्शन कमेटी के जिन सदस्यों ने महानिदेशक डॉ पद्माकर सिंह से मुलाकात की उनमें यूपी अध्यक्ष डॉ एएम खान, सचिव डॉ जयंत शर्मा, डॉ अशोक अग्रवाल, डॉ सूर्यकांत, डॉ अमिताभ श्रीवास्तव, डॉ रुखसाना खान, डॉ आरके गुप्ता, डॉ एमएम पालीवाल, डॉ आनंद प्रकाश, डॉ जीपी सिंह, और डॉ संजय सक्सेना शामिल रहे।
डॉ सूर्यकांत ने बताया कि बैठक में यह भी तय किया गया कि पूर्व की भांति आईएमए से जुड़े चिकित्सक जहां कहीं से और जिस पार्टी के टिकट पर या निर्दलीय लड़ रहे हैं, उन्हें एसोसिएशन का समर्थन है। ऐसोसिएशन का मानना है कि इस कदम से एसोसिएशन को और भी मजबूती मिलेगी।