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70 फीसदी मौतों को रोका जा सकता है सिर्फ थोड़ी सी जागरूकता से

हृदय रोग, पक्षाघात, कैंसर, डायबिटीज, दमा, अस्थमा जैसे गैर संक्रामक रोग शरीर और देश की अर्थव्‍यवस्‍था को खोखला कर रहे   

भारत-बांग्‍लादेश को तम्‍बाकू रहित बनाने का संकल्‍प लेने वाले जागरूक करने सुबह-सुबह पहुंच गये लोहिया पार्क में

 

लखनऊ। बांग्लादेश के सांसद और सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता शमीम हैदर पटवारी ने  कहा है कि भारत और बांग्लादेश में 70% मृत्यु का कारण गैर-संक्रामक रोग हैं। अफसोस की बात है कि जिन रोगों से बचाव मुमकिन है, वे महामारी के रूप में हमारी स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ बने हुए हैं। इस कारण स्वास्थ्य पर हो रहे आर्थिक भार से आम इंसान गरीबी में धंसता जा रहा है।

 

हाल ही में चुने गये देश के प्रतिष्ठित नेशनल कॉलेज ऑफ़ चेस्ट फिजीशियन्स के अध्यक्ष प्रो सूर्यकांत के साथ भारत और बांग्‍लादेश को तम्‍बाकू मुक्‍त बनाने का संकल्‍प लेने वाले शमीम हैदर ने इस अभियान की अनौपचारिक शुरुआत रविवार की सुबह यहां गोमती नगर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया पार्क पहुंचकर पार्क में रोजाना टहलने, व्‍यायाम करने आने वाले लोगों से मिलकर कर दी। तम्‍बाकू के खिलाफ उनकी इस पहल को यहां के विशेषज्ञों का भी साथ मिला और पार्क में उनके साथ प्रो सूर्यकांत, केजीएमयू के इंडोक्राइन सर्जरी विभाग की स्तन कैंसर विशेषज्ञ डॉ पूजा रमाकांत, आशा परिवार से जुड़े जन-स्वास्थ्य कार्यकर्ता राहुल द्विवेदी के अलावा बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मोहम्मद कमल हुसैन और कमरुज्‍जमन मुल्लाह भी लोगों को जागरूक करने के लिए मौजूद रहे।

शमीम हैदर ने कहा कि भारत और बांग्लादेश दोनों ने 2030 तक संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य पूरा करने का वादा किया है और वैश्विक तम्बाकू नियंत्रण संधि को भी पारित किया है। बिना शराब और तम्बाकू महामारी पर विराम लगाये सतत विकास मुमकिन ही नहीं है। साथ ही उन्‍होंने कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हर नागरिक को पर्याप्त शारीरिक व्यायाम और गतिविधियों के लिए सुरक्षित स्थान और सुविधाएँ मिल रही हों।

 

विश्व अस्थमा दिवस और विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 2019 से पूर्व हुई इस पहल पर खुशी जताते हुए प्रो सूर्य कान्त ने कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि बांग्लादेश और भारत दोनों देशों में अनेक गैर संक्रामक रोग, जिनसे बचाव संभव है, वह बढ़ोतरी पर हैं, जैसे कि हृदय रोग, पक्षाघात, कैंसर, मधुमेह (डायबिटीज), दमा/ अस्थमा, अन्य दीर्घकालिक श्वास सम्बन्धी रोग आदि। जब कि अधिकांश गैर-संक्रामक रोगों से बचाव मुमकिन है बशर्ते तम्बाकू और शराब का सेवन पूर्णत: बंद हो, पौष्टिक आहार सबको मिल सके; पर्याप्त शारीरिक व्यायाम और अन्य गतिविधियाँ रोजाना नियम से जीवनशैली का भाग बने।

 

मौके पर उपस्थि‍त इंडियन जर्नल ऑफ़ सर्जरी की एसोसिएट एडिटर डॉ पूजा रमाकांत ने कहा कि स्तन कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले अधिकांश कारण वे हैं जिनको बदला जा सकता है जैसे कि, मोटापा, अस्वस्थ आहार, शारीरिक व्यायाम या गतिविधियाँ में कमी, तम्बाकू, शराब, आदि।

 

विशेषज्ञों ने पार्क में टहलने आये नागरिकों से अपील की कि तम्बाकू और शराब का सेवन, शारीरिक व्यायाम और गतिविधियों का अभाव, ‘फ़ास्ट फ़ूड’ या असंतुलित अपौष्टिक आहार, के कारण ही गैर संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ता है। रोज़ की जीवनशैली में स्वस्थ परिवर्तन करना हमारे लिए भी हितकारी है। तम्बाकू और शराब एवं अन्य नशों से दूर रहें, रोजाना शारीरिक गतिविधियों में पर्याप्त बढ़ोतरी करें, संतुलित पौष्टिक आहार ग्रहण करें, और स्वस्थ रहें।