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 20 सितम्‍बर तो आ गयी लेकिन विलय की घड़ी नहीं

-घोषणा के अनुरूप नहीं हो सका लोहिया अस्‍पताल का लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान में विलय
-कुछ औपचारिकताएं अभी शासन में अटकी हुईं, लग सकते हैं 15 से 20 दिन

पद्माकर पांडेय ‘पद्म’

लखनऊ। गोमतीनगर स्थित डॉ.राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय का विलय बगल में स्थित डॉ.राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट में होना है। कैबिनेट मंजूरी और शासनादेश भी हो चुके हैं। अस्पताल को टेकओवर करने की तैयारी पूर्ण कर इंस्टीट्यूट प्रशासन द्वारा तिथि 20 सितम्बर निर्धारित की जा चुकी थी। मगर शासन में बैठे अधिकारियों की वजह से वर्षो से विलय की बाटजोह रही, विलय प्रक्रिया अंतिम समय में लटक गई है।  हालांकि इंस्टीट्यूट प्रशासन का मानना है कि एक डेढ़ हफ्ते में प्रक्रिया पूर्ण होने की उम्मीद की जा सकती है।

ज्ञात हो कि लोहिया इंस्टीट्यूट में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू होने की कयावद से लोहिया अस्पताल का इंस्टीट्यूट में विलय करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। वर्ष 2014 में तत्कालीन प्रदेश सरकार ने घोषणा कर दी थी। प्रयासों को योगी सरकार में सफलता कैबिनेट मंजूरी मिलने से हुई। मंजूरी मिलने के बाद दोनो संस्थानों में आदान प्रदान करने को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई। चिकित्सक समेत कार्यरत कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर लेने की जद्दोजहद चली, आखिरकार लोहिया इंस्टीट्यूट ने लोहिया अस्पताल के 83 चिकित्सकों में 43 चिकित्सकों को और 187 स्थाई कर्मचारियों में 123 कर्मचारियों को अगले तीन से पांच वर्षो तक प्रतिनियुक्ति पर लेने की सहमति प्रदान की। इसकी सूचना शासन को भेज दी।

शासन के अधिकारियों ने इन 43 चिकित्सकों और 123 कर्मचारियों की सूची अभी तक लोहिया इंस्टीट्यूट प्रशासन को नहीं भेजी, जिन्हें इंस्टीट्यूट प्रशासन को लेना है। इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी का कहना है कि स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा प्रतिनियुक्ति  पर आने वाले चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के नाम की सूची उन्हें मिल जाये तो वह अस्पताल की ओपीडी समेत संचालन की प्रक्रिया का रोस्टर तैयार कर सकें। क्योंकि बिना नाम की सूची के किसी की ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती है।

वहीं अस्पताल के निदेशक डॉ.डीएस नेगी का कहना है कि शासन से चिकित्सकों के नाम की सूची आई थी, जिसे उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशालय व इंस्टीट्यूट को भेज दिया है। इसके अलावा कर्मचारियों के नाम की सूची नहीं मिली है। डॉ.नेगी का कहना है कि उन्होंने अस्पताल हैंडओवर करने की पूरी तैयारी कर ली है, जैसे ही आदेश मिलेगा सुपुर्द कर दिया जायेगा। क्योंकि वर्तमान में विलय की वजह से समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है और मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.पद्माकर सिंह का कहना है कि प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले चिकित्सक व कर्मचारियों को इंस्टीट्यूट अटैच कर रहा है, उनका वेतन स्वास्थ्य विभाग को ही देना है, इसलिए शासन स्तर पर इंस्टीट्यूट में पोस्ट सृजित कर अटैच करने की प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है कि 15 से 25 दिनों में पूर्ण हो जायेगी।