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धूम्रपान की ही तरह खतरनाक है परोक्ष धूम्रपान

केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में जागरूकता कार्यक्रम

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर विभाग में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे मुख्य अतिथि विधायक अविनाश त्रिवेदी व चिकित्सा विश्वविद्यालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसएन संखवार उपस्थित थे। इस चिकित्सा जागरूक कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष एवं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने उपस्थित रोगी, परिजनों को सम्बोधित करते हुए बताया कि भारत मे 10 लाख मौतें प्रतिवर्ष तम्बाकू की वजह से होती है तथा 18 करोड़ लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं। तम्बाकू की वजह से 40 तरह के कैंसर व 25 तरह की अन्य बीमारियंा होती है। जैसे कि क्रोनिक बौन्काइटिस, व सांस की अन्य बीमारियंा हृदय रोग, मानसिक रोग, नपुंसकता, स्ट्रोक जैसी अन्य गंभीर बीमारियंा भी होती है। उन्होंने बताया कि यदि आपके आसपास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है और उसका धुआं आप तक पहुंच रहा है तो यह धूम्रपान करने वाले के साथ ही आपको भी नुकसान पहुंचाता है। यानी परोक्ष धूम्रपान या पैसिव स्मोकिंग भी उतनी ही नुकसानदेह है जितना की प्रत्यक्ष धूम्रपान।
इस समारोह मे डॉ.राजीव गर्ग, डॉ. आनन्द श्रीवास्तव, डॉ. दर्शन कुमार बजाज,  डॉ. अजय कुमार वर्मा, डॉ. वेद प्रकाश तथा डॉ. विनय गुप्ता भी सम्मिलित हुए।

अंश वेलफेयर फाउंडेशन भी शामिल हुआ कार्यक्रम में

इस अवसर पर अंश वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा तम्बाकू के विरोध मे आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में प्रतिभागी बच्चों को रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। इस प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान नयन मित्रा  द्वितीय स्थान प्रस्तुति श्रीवास्तव व तृतीय स्थान निधि सिंह ने प्राप्त किया। मसीहा कैंसर फाउन्डेसन की डॉ. समीरा रिजवी को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि विभाग द्वारा तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला इत्यादि को छुड़ाने हेतु एक क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है।

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