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बीमारी हो या महामारी, बचाता टीका ही है…

-बच्चों का पूर्ण टीकाकरण कराएं, जानलेवा बीमारियों से बचाएं

-राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (16 मार्च) पर डॉ सूर्यकान्‍त की अपील

डॉ. सूर्यकान्त

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (16 मार्च) पर 12 से 14 साल के बच्चों को कोविड टीके (कोर्वेवैक्स) की सौगात मिलने जा रही है, इसकी दूसरी डोज बच्चों को पहले टीके के 28 दिन बाद दी जायेगी । इसके तहत जल्द से जल्द प्रदेश के 12 से 14 साल के करीब 85 लाख बच्चों का टीकाकरण कर कोरोना से सुरक्षित बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही अब 60 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को एहतियाती डोज लगायी जायेगी, अब को-मार्बिड की अनिवार्यता को ख़त्म कर दिया गया है ।

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश के कोविड टीकाकरण के ब्रांड एम्बेसडर डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि टीके के बल पर ही देश को पोलियो और चेचक को ख़त्म करने में सफलता मिली है । टीके के बल पर ही खसरा, जापानी इन्सेफ़लाइटिस (जेई) व टिटनेस जैसी बीमारियों पर काफी हद तक नियन्त्रण पा लिया गया है। बच्चों को बीसीजी का टीका दिया जा रहा है ताकि टीबी का शरीर के अंदर फैलाव रोका जा सके। गलाघोंटू, काली खांसी, डिप्थीरिया, डायरिया जैसी तमाम बीमारियों से बच्चों को सुरक्षित बनाने के लिए आज हमारे पास टीके मौजूद हैं, जिन्हें नियमित टीकाकरण के तहत देकर बच्चों को पूर्ण प्रतिरक्षित बनाने की कोशिश चल रही है ।

डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि कोरोना से लोगों को सुरक्षित बनाने के लिए पिछले साल 16 जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत हुई थी, जो कि अब तक का सबसे तेज टीकाकरण अभियान साबित हुआ है। टीके की डोज ज्यादा जोखिम वालों को पहले देने के साथ अभियान शुरू हुआ था। इसी क्रम में स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर, 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, बीमार लोगों और फिर 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का कोविड टीकाकरण किया गया।

डॉ सूर्यकान्‍त के अनुसार इसके बाद 18 साल से अधिक उम्र वाले वयस्कों और फिर 15 से 18 साल वालों को टीके की खुराक दी गयी । अब बुधवार से 12 से 14 साल (जनवरी 2008 से 15 मार्च 2010 के बीच जन्म वाले बच्चे) के बच्चों को भी कोरोना से सुरक्षित बनाने के लिए टीके की शुरुआत होने जा रही है । इसलिए बच्चों को कोरोना से सुरक्षित बनाने के लिए लोग आगे आयें और जल्दी से जल्दी टीकाकरण कराएँ। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि कोरोना अभी पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुआ है, इसलिए टीकाकरण के साथ ही कोविड प्रोटोकाल का भी पूरी तरह से खयाल रखा जाए। होली का त्योहार करीब है, इसलिए ध्यान रखें कि होली पर गले मिलने की जगह दूर से ही अभिवादन कर होली की मुबारकबाद दें। घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाकर रखें और हाथों की स्वच्छता का भी ख्याल रखें । 

वर्ष 1995 से मनाया जा रहा दिवस

राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की शुरुआत वर्ष 1995 में मुंह के जरिये दी जाने वाली पोलियो की खुराक की शुरुआत के साथ हुई थी, तब से हर साल 16 मार्च को हर किसी को बीमारियों से सुरक्षित बनाने के लिए टीके की अहमियत समझाई जाती है !

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