Wednesday , October 11 2023

श्‍वास प्रबंधन, हीट स्‍ट्रोक जैसी इमरजेंसी में क्‍या करें, कैसे करें, सिखाया गया

-World Emergency Medicine Day पर केजीएमयू के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग ने आयोजित की कार्यशाला व वेबिनार

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी केजीएमयू के इमरजेंसी मेडिसिन विभाग द्वारा इंटरनेशनल इमरजेंसी मेडिसिन डे के अवसर पर विभाग में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बड़ी संख्‍या में रेजीडेंट डॉक्‍टर्स तथा एमबीबीएस छात्रों ने हिस्‍सा लिया। इस मौके पर एक वेबिनार का भी आयोजन किया गया, जिसका ऑनलाइन उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि कुलपति ले.ज. डॉक्‍टर बिपिन पुरी द्वारा किया गया।

इस बारे में जानकारी देते हुए इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के हेड प्रो हैदर अब्‍बास ने बताया कि World Emergency Medicine Day प्रत्येक वर्ष 27 मई को मनाया जाता है। प्रो अब्‍बास ने बताया कि इमरजेन्सी मेडिसिन विभाग द्वारा Airway Management और Respiratory Therapy in Emergency Medicine workshop का आयोजन किया गया, जिसमें अधिक संख्या में रेजीडेण्ट, MBBS छात्रों ने हिस्सा लिया। इन प्रतिभागियों को पुतलों (मैनि‍किन्‍स) पर प्रशिक्षण देते हुए बताया गया कि किस प्रकार मरीज की जान बचायी जा सकती है।

कुलपति ने अपने सम्‍बोधन में बताया कि इमरजेन्सी में SOP’s और Guideline का पालन किया जाना चाहिए, जिससे कि इससे अधिक से अधिक रोगियो की जान बचायी जा सकती है। डाo हैदर अब्बास ने बताया कि Heat Stroke के समाधान में आम जन मानस का बड़ा योगदान होता है। उन्‍होंने कहा कि हीट स्‍ट्रोक Heat Stroke  के लक्षण को पहचानना, सूती पतले कपड़े पहनना चाहिए, गर्मी के फल, स्वच्छ पानी प्रचुर मात्रा में लेना चाहिए एवं गम्भीर होने पर अस्पताल में उपचार करायें।

इस अवसर पर इंगलैण्ड से डॉ शशांक पाटिल और प्रो आशिमा शर्मा जो कि Nizam Institute of Medical Sciences हैदराबाद की विभागाध्यक्ष है ने अपने व्याख्यान दिये। प्रोo हैदर अब्बास ने बताया कि इस वर्ष Word Emergency Medicine day की Theme Your Safety-Our Priority है।  इमरजेंसी में समय रहते उपचार के प्रति गंभीरता की जरूरत है।, समय पर इलाज मिलने पर जान बचाई जा सकती है।  डाo हैदर अब्बास ने यह भी बताया कि कुछ रोगी विशेषकर Stroke के समय पर नहीं पहुँच पाते, जिसका Window period 3.5- 4.5 घण्टे होता है, में गम्भीर परिणाम होते हैं। 

उन्‍होंने बताया कि Emergency Medicine में बहुत सी श्वास रोग के Emergency Cases आती है। जिसका कारण ठीक से Monitoring न होना, दवा/Nebulizer की गलत विधि का इस्तेमाल होने पर Respiratory Crisis/ इमरजेन्सी हो जाती है। अतः इस मौके पर दवा के इस्तेमाल की सही विधि बतायी गयी।

वन्दना श्रीवास्तव, विवेक कुमार, तारामती पाल, स्वाती वर्मा को Best Nursing award एवं राजकुमार को Best ward staff, अरबिन्द तिवारी को Best Department staff का अवॉर्ड दिया गया। उन्‍होंने बताया कि इस मौके पर एक Quiz  का भी आयोजन किया गया। जिसमें क्रमशः केoजीoएमoयूo की गरिमा आवेश ने प्रथम तथा चन्द्रिका वासने  और बृजेश कुमार ने क्रमश: द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया।

कार्यशाला का संयोजन प्रोo हैदर अब्बास, डॉ मुकेश कुमार, डॉ उत्सव आनन्द मणि, डॉ प्रनय गुप्ता, डॉ सर्वेश नाथ त्रिपाठी, डॉ पुष्पराज सिंह, डॉ आलोक ने किया। अन्त में डॉ मुकेश कुमार द्वारा सबका आभार व्यक्त किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.