-घर का पता भूल चुके मरीजों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने की चुनौती से अक्सर होता है सामना
सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का न्यूरो सर्जरी विभाग मरीजों का इलाज तो कर ही रहा है, साथ ही विभाग में भर्ती होने वाले लावारिस मरीजों को उनके ठिकाने तक पहुंचाने के लिए भी सतत् प्रयत्नशील रहता है, विभाग की यही सोच इसका एक्स फैक्टर है।
आपको बता दें दरअसल वर्तमान में विभाग की कमान सम्भाल रहे प्रो बीके ओझा स्वयं इस मानवीय दृष्टिकोण को रखते हैं, और इसके लिए हरसंभव प्रयास करते हैं। जाहिर है जब मुखिया इस संवेदनशील कार्य को पूरी शिद्दत के साथ अंजाम दे रहे हों, तो उनकी टीम के लोगों का रुझान भी इस ओर होना लाजिमी है।
हाल ही में एक लावारिस मरीज जिसे 17/9/2023 को सिर में आई गंभीर चोट से नीम बेहोसी की हालत में पुलिस द्वारा केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में लाया गया। यह मरीज अत्यंत गंभीर हालत मे न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती हुआ। केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की जिम्मेदारी सम्भाल रहे न्यूरो सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो बीके ओझा की निगरानी में मरीज को समस्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। अनकॉन्शियस मरीज के सचेतन अवस्था में आने पर उसके द्वारा अपना नाम बबलू एवम पता हनुमान सेतु बताया गया। प्रो ओझा ने मरीज को उसके परिजनो को सुपुर्द किए जाने का कार्य सामाजिक कार्य में अग्रणी विभागीय सहकर्मी अतुल कुमार उपाध्याय को सौंपा। उनके द्वारा संबंधित महानगर थाने के पुलिस कर्मियों की सहभागिता सुनिश्चित कर मरीज को उसके परिजनों के सुपर्द किया गया।
इस बारे में प्रो ओझा ने इसका क्रेडिट अपनी टीम को देते हुए कहा कि मरीज को ठीक करने में सबसे पहले रोल मेरे रेजिडेंट्स का है उसके बाद हमारी सिस्टर इंचार्ज शशि कला सिंह की टीम का है और उसको ठीक हो जाने के बाद उसके घर तक पहुंचाने के लिए अतुल उपाध्याय का है।