Wednesday , October 11 2023

राजनीति में क्रोध का कोई स्‍थान नहीं, गुस्‍सा-अहंकार से खराब होती हैं स्थितियां

-मुंबई में आयोजित प्रथम राष्‍ट्रीय विधायक सम्‍मेलन में स्‍ट्रेस मैनेजमेंट के गुर सिखाये सुरेश खन्‍ना ने

-सदनों में हंगामा सार्थक चर्चा का विकल्‍प नहीं हो सकता, सिर्फ सदन का समय खराब होता है

 

सेहत टाइम्‍स  

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुंबई में आयोजित प्रथम राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में आज दूसरे दिन स्ट्रेस मैनेजमेंट इन पब्लिक लाइफ सेशन में अध्यक्षता करते हुए कहा कि विधायकों के समक्ष सबसे बड़ा तनाव अपने क्षेत्र की जन आकांक्षाओं को पूरा करने का होता है। उन्होंने कहा कि जन आकांक्षाओं एवं समस्याओं के समाधान में विधायकों को अपने सामान्य व्यवहार में अहंकार तथा क्रोध रहित होते हुए विनम्रता एवं सम्मान का व्यवहार रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में क्रोध का कोई स्थान नहीं होता है। गुस्सा एवं अहंकार से स्थितियां खराब होती हैं।

श्री खन्ना ने कहा कि विधायकों को समय के साथ बदलती तकनीकी से अपडेशन का स्ट्रेस होता है जिसके लिए आवश्यक है कि तकनीकी से अपडेट होते हुए टेक्निकली समस्याओं को वर्गीकृत करें एवं उसका समय से जन आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य करते हुए समाधान करें। बढ़ती तकनीकी के दृष्टिगत मोबाइल, टेबलेट आदि संसाधनों से अपडेट होना जरूरी है। इसके अतिरिक्त क्षेत्र की जनता की आवश्यकता की पूर्ति का स्ट्रेस होता है। उन्होंने कहा कि विकास के कार्यों में जो स्ट्रेस रहता है वह कहीं न कहीं उपलब्धि भी देता है। उन्होंने कहा कि किसी समय में विकासात्मक एवं रचनात्मक कार्यों को करने का जो दबाव रहता है उससे यदि हम उस कार्य के प्रति ईमानदार होते हैं हमारी गति भी बढ़ जाती है। सेवा कार्यों से संतुष्टि मिलती है जिससे स्ट्रेस कम होता है।

श्री खन्ना ने कहा कि विधायकों के समक्ष विधानसभा में प्रेजेंटेशन का स्ट्रेस होता है उसके लिए विधायकों को चाहिए कि जिस भी पक्ष में हैं, उसके लिए पूर्ण तैयारी करते हुए अपने विषय पर अपना पक्ष रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त कई अन्य तनाव होते हैं जिनको समस्याओं के आधार पर समय से निस्तारित करना चाहिए।
श्री खन्ना ने कहा कि विधायक की स्थिति किसी काम में सीधे-सीधे आदेश देने की नहीं होती। विधायक का रोल केवल सिफारिश करने एवं चर्चा में भाग लेने तथा सुझाव देने की होती है। पॉलिसी स्ट्रेस सकारात्मक दिशा में गति प्रदान करता है। दूसरे अन्य स्ट्रेस को कम करने के लिए टाइम मैनेजमेंट एवं थिंक टैंक के साथ डेवलपमेंट के लिए प्लानिंग करने के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदनों में हंगामा सार्थक चर्चा का विकल्प नहीं हो सकता, हंगामा से कोई भी समाधान नहीं निकलता, केवल समय खराब होता है।

सत्र के विशेष आमंत्री सचिन गडेकर थे। इस सत्र में 20 विधायकों द्वारा अपनी जिज्ञासाओं के समाधान के लिए वित्त मंत्री से प्रश्न किया गया। इनमें उत्तर प्रदेश से रमेश मिश्रा, नीरज बोरा, ऋषि पाल सिंह, डॉ सुरभि, सतपाल, मोहन वर्मा, अनिल त्रिपाठी, महेन्द्र पाल, विनय वर्मा, मोहन वर्मा एवं कर्नाटक से दो विधायक तथा मध्य प्रदेश के खंजवा से विधायक देवेन्द्र वर्मा एवं अन्य राज्यों के विधायकों ने अपनी जिज्ञासा के समाधान के लिए प्रश्न किया।

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