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कुत्‍ते के काटने की गंभीर स्थिति की शिकार बच्‍ची स्‍वस्‍थ होने के बाद अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज

-तीन वर्षीय बच्‍ची को 6 अप्रैल को भर्ती कराया गया था केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में
-बच्‍ची के पांच वर्षीय भाई को भी काटा था कुत्‍ते ने, उसकी जान नहीं बच सकी थी


सेहत टाइम्‍स
लखनऊ
। कैटेगरी-3 स्थिति में कुत्‍ते के काटने की शिकार तीन वर्षीय बालिका जन्‍नत का घाव भरने के बाद आज 12 अप्रैल को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्‍वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर से छुट्टी दे दी गयी।

केजीएमयू द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार जन्नत 6 अप्रैल को शाम 6.30 बजे अपने भाई मुहम्मद (5 वर्ष) के साथ ट्रॉमा सेंटर आई थी। इन दोनों को कैटेगरी-3 के तहत कुत्ते के काटने की शिकायत लगभग पूरे शरीर में हुई थी। बाल रोग और ट्रॉमा सर्जरी टीम द्वारा व्यापक पुनर्जीवन उपायों के बावजूद डॉक्टर भाई की जान नहीं बचा सके थे। बहन जन्‍नत का प्रबंधन बाल रोग विभाग के डॉक्टर की टीम ने किया, जिसमें प्रो माला कुमार और जूनियर प्रोफेसर डॉ शालिनी त्रिपाठी शामिल रहीं। जन्‍नत को रैबीज के टीके और एंटीबायोटिक दवाओं के साथ एंटीरेबीज इम्युनोग्लोबुलिन के साथ प्रबंधित किया गया था। टेटनस के लिए सक्रिय और निष्क्रिय टीकाकरण भी प्रदान किया गया। चूंकि बालिका तनावपूर्ण स्थिति से गुजरी थी इसलिए बाल मनोवैज्ञानिक की भी राय ली गई। इसके अलावा किसी भी आंतरिक रक्तस्राव से बचने के लिए पेट का अल्ट्रासाउंड किया गया। इस पूरे इलाज से बच्चे में धीरे-धीरे सुधार होता गया, घाव भर गया और आज 12 अप्रैल को उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई। उसे बाकी दो और टीके फॉलोअप के लिए दिखाने आने पर लगाये जायेंगे।
विज्ञप्ति के अनुसार पूरा इलाज कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी की देखरेख में किया गया। कुलपति ने बच्‍ची के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। बच्‍ची को डिस्‍चार्ज किये जाने के समय कुलपति के साथ ही बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो शैली अवस्थी और ट्रॉमा सेंटर प्रभारी प्रो संदीप तिवारी मौजूद रहे।

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