–सभी फार्मासिस्ट को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के अभिलेखों की जांच करने लखनऊ बुलाया गया
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सेहत टाइम्स
लखनऊ। निदेशक प्रशासन के आदेश के बाद लखनऊ मंडल के सभी जनपदों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के फार्मेसिस्ट 8 जून से 18 जून तक लगातार 11 दिन अपने चिकित्सालय से लखनऊ आ जाएंगे और लखनऊ में आकर स्वास्थ्य कार्यकर्ता के अभिलेखों की जांच करेंगे । इस दौरान चिकित्सालयों में दवा वितरण कार्य कैसे होगा इसका कोई जिक्र निदेशक द्वारा नहीं किया गया है।
यह जानकारी देते हुए फार्मेसिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश फार्मेसी कौंसिल के पूर्व चेयरमैन सुनील यादव ने कहा है कि फार्मेसी एक्ट के मुताबिक केवल फार्मेसिस्ट ही औषधि वितरण कर सकते हैं उनकी अनुपस्थिति में कोई भी गैर फार्मेसिस्ट औषधियों का वितरण नहीं कर सकता । फार्मेसिस्ट एक टेक्निकल पोस्ट है उन्हें मिनिस्ट्रियल कार्यों में लगाना कहां तक उचित है ? निदेशक के आदेश के अनुसार 17713 अभ्यर्थियों के सत्यापन 8 जून से प्रारंभ होकर 18 जून तक चलेंगे 7 तारीख को 2:30 बजे सभी फार्मेसिस्ट लखनऊ आ जाएंगे।
उन्होंने कहा है कि लखनऊ के 56 फार्मेसिस्ट जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत है, हरदोई के 87 , रायबरेली के 84 और सीतापुर के 40 फार्मेसिस्ट लखनऊ में आकर प्रपत्रों की जांच करेंगे।
लखनऊ में ही लगभग 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 28 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सभी फार्मेसिस्ट ड्यूटी पर है । निसंदेह औषधियों का वितरण बुरी तरह प्रभावित होगा ।
श्री यादव ने कहा कि बिना फार्मेसिस्ट के औषधि वितरण कराया जाना एक्ट के विपरीत है, और यह लगातार 11 दिनों में औषधि वितरण का प्रभावित होना जनता के हितों के प्रतिकूल होगा। प्रपत्रों की जांच में मिनिस्ट्रियल संवर्ग के लोग के साथ अन्य संवर्गों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए थी । फार्मेसिस्ट की ड्यूटी लगाना नियमों के विपरीत है। श्री यादव ने तत्काल शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए उक्त स्थान पर किसी अन्य कर्मी की ड्यूटी लगाए जाने की मांग की है ।
एक और प्रश्न उठाते हुए उन्होंने कहा है कि फार्मेसिस्ट के रहने खाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, इतनी बड़ी संख्या में विभिन्न जनपदों के फार्मेसिस्ट लखनऊ आएंगे तो उनके रहने, खाने आदि की व्यवस्था का जिक्र इस आदेश में किया जाना चाहिए था।
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