Tuesday , November 25 2025

मलेरिया की डायग्नोसिस में दक्ष बनाने के लिए लैब टेक्नीशियंस को प्रशिक्षण देगा एसजीपीजीआई

-यूपी के स्वास्थ्य महानिदेशक के सहयोग से 26 नवम्बर से 23 दिसम्बर तक आयोजित हो रहा प्रशिक्षण

सेहत टाइम्स

लखनऊ। मलेरिया निदान को सुदृढ़ बनाने और परजीवी पहचान में तकनीकी कौशल को बढ़ाने के उद्देश्य से, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक, उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से, संजय गांधी पी जी आई, लखनऊ का माइक्रोबायोलॉजी विभाग 26 नवंबर से 23 दिसंबर तक “प्रयोगशाला तकनीशियनों के लिए राज्य स्तरीय मलेरिया माइक्रोस्कोपी प्रशिक्षण कार्यक्रम” का आयोजन कर रहा है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य माइक्रोस्कोपी के माध्यम से मलेरिया परजीवियों की सटीक पहचान करने में प्रयोगशाला कर्मियों की क्षमता का निर्माण करना है, जो मलेरिया निदान के लिए स्वर्ण मानक बना हुआ है। इस प्रशिक्षण को जीसीपीएल (गोदरेज कंज्यूमर प्राइवेट लिमिटेड) द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है, जिसमें पाथ-सीएचआरआई का तकनीकी सहयोग भी शामिल है।

मीडिया सेल द्वारा जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि यह कार्यक्रम एसजीपीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी एवं संक्रामक रोग विभाग की प्रमुख प्रो. रुंगमेई एस. के. मारक की देखरेख में आयोजित किया जाएगा, जिसमें संकाय सदस्यों, डॉ. अवधेश कुमार और डॉ. तस्नीम सिद्दीकी, वरिष्ठ रेजिडेंट और विभाग के तकनीकी कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी होगी। यह पहल मलेरिया उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप है और शिक्षण और व्यावहारिक अभ्यास सत्रों के माध्यम से नैदानिक दक्षता में सुधार लाने पर केंद्रित है।

प्रशिक्षण की शुरुआत प्रशिक्षण के उद्देश्यों के संक्षिप्त परिचय से होगी, जिसके बाद गणमान्य व्यक्तियों और वरिष्ठ संकाय सदस्यों के वक्तव्य होंगे। विशेषज्ञ विशेष रूप से स्थानिक क्षेत्रों में मलेरिया के शुरुआती और सटीक निदान में उच्च गुणवत्ता वाली माइक्रोस्कोपी के महत्व पर प्रकाश डालेंगे। प्रशिक्षण मॉड्यूल में स्मीयर तैयारी, गिमेसा धुंधलापन, परजीवी का पता लगाना, प्रजातियों की पहचान और नैदानिक त्रुटियों के सामान्य स्रोत शामिल होंगे।

इस प्रशिक्षण के माध्यम से, हमारा लक्ष्य दस बैचों (प्रत्येक बैच में बीस) में लगभग 200 प्रयोगशाला तकनीशियनों को प्रशिक्षित करना है, जो आजमगढ़, मऊ, बलिया, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली, बासी, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, लखनऊ, लखीमपुर खीरी, हरदोई और सीतापुर जैसे जिलों के जिला स्तरीय अस्पतालों और ब्लॉक स्तरीय सुविधाओं में तैनात होंगे।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रशिक्षण अवधि के दौरान, प्रतिभागियों को अनुभवी माइक्रोबायोलॉजिस्ट से निरंतर मार्गदर्शन प्राप्त होगा। कौशल संवर्धन और योग्यता विकास का मूल्यांकन करने के लिए प्रशिक्षण-पूर्व और प्रशिक्षण-पश्चात मूल्यांकन किए जाएंगे। कार्यक्रम में माइक्रोस्कोपी में गुणवत्ता नियंत्रण, उचित दस्तावेज़ीकरण और एनवीबीडीसीपी और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित मानकीकृत प्रोटोकॉल के पालन पर भी जोर दिया जाता है।

संस्थान का माइक्रोबायोलॉजी विभाग विभिन्न स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं से प्रयोगशाला तकनीशियनों का इस प्रशिक्षण में भाग लेने और पूरे क्षेत्र में मलेरिया निदान क्षमताओं को बेहतर बनाने में योगदान देने के लिए स्वागत करता है। विभाग उच्च-गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने, ज्ञान को साझा करने और इसे बढ़ाने तथा शिक्षा एवं कौशल विकास के माध्यम से राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.