Wednesday , October 11 2023

सर्वोच्‍च चिकित्‍सा संस्‍थानों के कर्मचारियों का वेतन भी होना चाहिये सर्वोच्‍च

-संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने शासन से की मांग

-आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय निर्धारण के लिए कमेटी के गठन पर सीएम का जताया आभार

सच्चितानंद मिश्रा

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ ने चिकित्‍सा शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन संस्‍थानों में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के मानदेय तय करने को लेकर शासन द्वारा गठित की गयी कमेटी के लिए मुख्‍यमंत्री का आभार जताते हुए शासन से मांग की है कि केजीएमयू, लोहिया संस्थान, एसजीपीजीआई तथा कल्‍याण सिंह कैंसर संस्थान प्रदेश के सर्वोच्‍च संस्‍थान हैं, ऐसे में यहां के कर्मचारियों का मानदेय भी सर्वोच्‍च होना चाहिये। उन्‍होंने कहा कि मानदेय निर्धारण करते समय दूसरे स्‍थानों पर दिये जा रहे मानदेय को ध्‍यान में अवश्‍य रखें, इस बारे में अन्‍य संस्‍थानों में दिये जा रहे मानदेय के सबूत के रूप में आवश्‍यक दस्‍तावेज संघ द्वारा जल्‍दी ही चिकित्‍सा शिक्षा महानिदेशक को उपलब्‍ध कराये जायेंगे।

यह जानकारी देते हुए संघ के महामंत्री सच्चितानंद मिश्रा ने कहा है कि उनका संघ पिछले कई वर्ष से कर्मचारियों के उचित वेतनमान की मांग कर रहा है जिसपर  शासन ने कमेटी गठित की है। उन्‍होंने कहा कि केजीएमयू, लोहिया संस्थान, एसजीपीजीआई तथा कैंसर संस्थान में कुल मिलाकर 12 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी हैं, जिनको बहुत ही कम वेतन मिल रहा है तथा प्रतिवर्ष वेतन बढ़ोतरी भी नहीं है।

उन्‍होंने कहा कि दिल्ली प्रदेश में न्यूनतम वेतन 15 हजार से अधिक है इस लिए यहां इन संस्थानों में भी न्यूनतम वेतन चतुर्थ श्रेणी का 15000 से कम निर्धारित न किया जाय बाकी लोक निर्माण विभाग में कंप्यूटर आपरेटर को 22 हजार प्रतिमाह वेतन मिलता है जबकि चिकित्सा शिक्षा में कम है। नर्सिंग और पैरामेडिकल  कर्मियों का भी वेतन बहुत कम है अब अगर कमेटी को निर्णय लेना है तो इन सब वेतनमान को ध्यान में रख कर निर्धारण करना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि जल्द ही कमेटी के अध्यक्ष महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को एक प्रस्ताव साक्ष्य सहित प्रेषित किया जाएगा।

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