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आठ साल से नहीं बढ़ा वेतन, सीएम के आदेश को भी बीत गया एक साल

-लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के संविदा कर्मियों ने कहा, बस अब बर्दाश्त नहीं

सेहत टाइम्स

लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान संविदा कर्मचारी संघ की बैठक संस्थान में संपन्न हुई जिसमें यूनियन के सभी पदाधिकारी तथा संस्थान के सैकड़ों कर्मचारी मौजूद रहे। सभी कर्मचारियों ने कहा कि 2015 के बाद वेतन बढ़ोतरी नहीं हुई है पिछले 8 वर्षों से महंगाई लगातार बढ़ रही है, हालात ये हैं कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी वेतन बढ़ोतरी की प्रक्रिया शासन में लगभग एक साल से लंबित है, इसलिए अब आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है। स+भी कर्मचारी अब बहुत ही आक्रोश में है और आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं। बेहद कम वेतन में कर्मचारी दूर-दूर से आकर संस्थान में पिछले कई वर्षों से मरीजों की सेवा कर रहे हैं।

संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्र ने कहा कि कई बार उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केंद्रीय राज्यमंत्री व मोहनलाल गंज के सांसद कौशल किशोर, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को इस संबंध में पत्र दिया जा चुका है। उपमुख्यमंत्री से मिलकर कर्मचारी गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक शासनादेश जारी नहीं हुआ।

बैठक में पदाधिकारियों ने संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष जो कमेटी महानिदेशक की अध्यक्षता में बनाई थी, रिपोर्ट शासन चली गई मगर अब तक शासनादेश जारी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अगर इस माह वेतन बढ़ोतरी का आदेश जारी नहीं होता है तो अगले माह से चरणबद्ध आंदोलन की तिथि निर्धारित कर ली जाएगी क्योंकि कर्मचारी अब इतने कम वेतन पर कार्य नहीं कर सकता है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021 में भी वेतन कमेटी गठित की। शासनादेश जारी होने के बाद भी केवल केजीएमयू और एसजीपीजीआई में वेतन बढ़ोतरी हुई तथा लोहिया संस्थान में वेतन बढ़ोतरी नहीं की गयी, ऐसे में कर्मचारी कब तक चुप रहेंगे। संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विकास तिवारी ने कहा कि अब आंदोलन ही एक विकल्प है क्योंकि सभी मंत्रियों का दरवाजा खटखटाया जा चुका है। कार्यवाहक अध्यक्ष रणजीत सिंह यादव ने कहा कि भाजपा सरकार जब से बनी है वेतन नहीं बढ़ा कमेटी बनने से एक उम्मीद जगी है इससे हजारों कर्मचारियों को लाभ होगा।

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