Monday , December 23 2024

पूरे शरीर को सुन्न करने से बेहतर है क्षेत्रीय एनेस्थीसिया देना

-एसजीपीजीआई में दो दिवसीय सीएमई एवं कार्यशाला सम्पन्न

सेहत टाइम्स

लखनऊ। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान, (एसजीपीजीआई) लखनऊ के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग द्वारा 21 और 22 दिसंबर को दो दिवसीय सीएमई एवं कार्यशाला S CRAFT (एसजीपीजीआई कॉम्प्रिहेंसिव रीजनल एनेस्थीसिया फॉर ट्रॉमा) का आयोजन किया गया। यह एक अच्छी तरह से निष्पादित और सफल आयोजन था, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से प्रतिनिधियों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम में पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन, संस्थान के डीन डॉ. शालीन कुमार, एनेस्थीसिया विभाग के प्रमुख डॉ. प्रभात तिवारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय धीराज और एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख डॉ. अरुण श्रीवास्तव उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष डॉ. प्रभात तिवारी के स्वागत भाषण से हुई, जिसके पश्चात दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना की गई। डॉ. तिवारी ने ट्रॉमा में क्षेत्रीय एनेस्थीसिया की भूमिका पर जोर दिया और छात्रों को वालंटियर पर हैंड्स ऑन वर्कशाप में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। ज्ञात हो क्षेत्रीय एनेस्थीसिया में शरीर के एक बड़े हिस्से को सुन्न कर दिया जाता है, जबकि मरीज जागता रहता है।

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन ने विभाग को बधाई दी और मरीजों की देखभाल के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। संस्थान के डीन प्रोफेसर शालीन कुमार ने आयोजक टीम से नियमित अंतराल पर ऐसे और शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित करने का आग्रह किया।

सीएमएस डॉ. संजय धीराज ने शीघ्र पुनर्वास और रिकवरी में मदद करने वाले शीघ्र दर्द प्रबंधन पर जोर दिया, जिसके बाद प्रख्यात वक्ताओं ने ट्रॉमा के रोगियों में क्षेत्रीय एनेस्थीसिया की भूमिका पर प्रकाश डाला। सभी ने आयोजन सचिव डॉ. वंश और उनकी टीम को बधाई दी। इस कार्यशाला मे संपूर्ण देश से लगभग 100 से अधिक प्रतिनिधियों और संकाय सदस्यों ने भाग लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.