![](http://sehattimes.com/wp-content/uploads/2017/04/charge-in-kgmu-225x300.jpg)
लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के नये कुलपति के नामों को लेकर कयासों का दौर खत्म हो गया है, राज्यपाल व कुलाधिपति राम नाईक ने प्रो. मदन लाल ब्रह्म भट्ट को केजीएमयू का नया कुलपति नियुक्त किया है, प्रो भट्ट अभी तक यहीं केजीएमयू में रेडियोथेरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष के रूप में तैनात थे, उन्होंने निवर्तमान कुलपति प्रो रविकान्त से आज शुक्रवार को चार्ज भी ग्रहण कर लिया। वह केजीएमयू के नौवें कुलपति हैं। कार्यभार ग्रहण करने के अवसर पर प्रो भट्ट ने कहा कि राज्यपाल द्वारा मुझे सौंपी गयी इस जिम्मेदारी को मैं सभी के सहयोग से पूरी प्रतिबद्धता के साथ निभाउंगा।
प्रो भट्ट ने 1977 में यहीं लिया था एमबीबीएस में प्रवेश
कुलपति कार्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि करीब 40 वर्ष पूर्व 1977 में वह इस संस्थान में छात्र के रूप में आये थे। अपनी चिकित्सा शिक्षा की शुरुआत इसी संस्थान उस समय केजीएमसी से की थी। प्रो. भट्ट ने 1982 में एमबीबीएस की डिग्री ली। उन्होंने बताया कि उसके बाद वह आर्मी चिकित्सा कोर में चयनित हो गये तथा वहां करीब पांच साल सेवा की। उन्होंने बताया कि इस दौरान उनकी तैनाती बॉर्डर सहित अनेक स्थानों पर रही जिससे उन्हें अनुशासन के साथ ही अलग-अलग परिस्थितियों में काम करने का मौका मिला। प्रो भट्ट इसके बाद वापस केजीएमसी में आ गये और रेडियोथेरेपी में एमडी की डिग्री 1995 में प्राप्त की। सेना में उनकी सेवाओं तथा योग्यता को देखते हुए उन्हेंं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के महाविद्यालय जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज में रेडियोथेरेपी विभाग में लेक्चर के रूप में चयनित कर लिया गया। प्रो.भट्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 1996 से लेकर 2002 तक कार्य किया। इसके बाद फिर वापस केजीएमयू में आ गया। उन्होंने बताया कि फिर 2007-2008 में इसी संस्थान उस समय का नाम छत्रपति शाहूजी चिकित्सा विश्वविद्यालय के गांधी वार्ड में चिकित्सा अधीक्षक के पद पर कार्यरत रहा।
यहां की बीमारी भी पता हैं और इलाज भी : प्रो.भट्ट
प्रो.भट्ट ने कहा कि इस संस्थान में रह कर मुझे यहां के बारे में जानने और समझने का अवसर मिला है इसलिए मैं वादा करता हूं कि चिकित्सा विश्वविद्यालय को नयी दिशा देने का प्रयत्न करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं एक बात जरूर कहना चाहूंगा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं और यहां की समस्या को भलीभांति जानता हूं तथा समस्याओं का इलाज भी जानता हूं, सौभाग्य से मैं भी गर्व से योगीजी के कदमों पर चलते हुए यह कह सकता हूं कि मैं इस विश्वविद्यालय से ही पढ़ा हूं तथा छात्र जीवन से लेकर सेवा करने तक विभिन्न प्रकार के पदों पर रहने का अवसर प्राप्त हुआ है, यही नहीं जब चिकित्सा विश्वविद्याल से बाहर रहा तो वहां रहकर बाहर से यहां की समस्याएं देखने का अवसर मुझे मिला। चिकित्सा विश्वविद्यालय में यहां की समस्याओं के बारे में बुद्धिजीवी लोग अनवरत विचार विमर्श करते रहते हैं, समस्यायों के समाधान के लिए यहां के जनमानस के विचार, कर्मचारियों के विचार के बारे में मुझे जानकारी है। बीमारी मालूम है और उसका इलाज भी मालूम है। चिकित्सा विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी मुझे दी गयी है इसे मैं महत्वपूर्ण मानते हुए यहां के शिक्षकों, कर्मचारियों सभी को साथ लेकर काम करते हुए चिकित्सा विश्वविद्यालय के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अग्रसर होऊंगा। मुझे विश्वास है कि मैं इसमें सफल होऊंगा क्योंकि समस्त कर्मचारियों का स्नेह और प्यार मुझे प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि आज भी यह देखने को मिला कि आज बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जयंती के कार्यक्रम में मैं गया वहां कर्मचारियों ने जिस तरह मेरे प्रति उल्लास जताया मेरा स्वागत किया, उसने मेरे ऊपर एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी रख दी है क्योंकि लोगों की जब उम्मीदें ज्यादा होती हैं तो उनको पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी होती है।
शिक्षण कार्य को ऊंचाइयों पर ले जाऊंगा
प्रो.भट्ट ने कहा कि शिक्षण कार्य की बेहतरी, मरीज को परेशानीरहित इलाज तथा बेहतर शोध कार्य हमारा मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि अंडर ग्रेजुएट हो, पोस्ट ग्रेजुएट हो अथवा सुपर स्पेशियलिटी की शिक्षा हो सभी को देश में ऊंचाइयों के स्थान पर ले जाने की कोशिश करनी है।
मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार दूसरा उद्देश्य है यहां उपलब्ध 7000 इनडोर बेड तथा तथा आउटडोर में आने वाले मरीजों को बिना किसी दिक्कत के बेहतर चिकित्सा कैसे मिले, इसकी व्यवस्था करना है। उन्होंने कहा कि बिना किसी अतिरिक्त खर्च के हम मरीजों को सहूलियत दे सकते हैं, इसके लिए मेरे पास योजना है। उन्होंने कहा कि बीपीएल के मरीज हों या फिर अन्य सहूलियत प्राप्त मरीज सभी को सुविधाएं तो अभी भी दी जा रही हैं लेकिन मरीज को इधर-इधर से उधर भटकना बहुत पड़ता है। उन्होंने कहा कि हम ऐसी व्यवस्था करेंगे कि एक बार मरीज जब यहां पहुंच जाये तो उसे सभी सुविधाएं एक ही जगह उपलब्ध हो जायें।
उन्होंने कहा कि तीसरा महत्वपूर्ण उद्देश्य शोध है, किसी भी उच्च कोटि के चिकित्सा संस्थान में यह आवश्यक है। इसे आवश्यक मानते हुए अपने करियर के लिए हम लोग करते हैं लेकिन जरूरत इस बात की है कि अपने देश की आवश्यकतानुसार हम शोध करें ताकि उद्देश्य पूरे होंगे। इसी तरह बचाव भी हमारे कार्य का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
मुख्यमंत्री की मंशा जानता हूं, वैसा ही होगा
एक सवाल के जवाब में प्रो.भट्ट ने कहा कि पूर्व में किये गये गलत कार्यों के बारे में अभी तो मुझे कोई जानकारी नहीं है क्योंकि मैं प्रशासन में नहीं था लेकिन इतना जरूर है कि जो जानकारी मेरे पास आयेगी उसमें मैं पूरी ईमानदारी के साथ नियमानुसार कार्य करूंगा। यह पूछे जाने पर कि प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर कैसे लगाम लगायेंगे, उन्होंने कहा कि इसमें हमारा मानना है कि हम सरकारी तंत्र में कार्य कर रहे हैं और ऐसे में जो सरकार की नियमावली है उसी को लागू कराने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कार्यअवधि के अलावा तथा विवि परिसर के बाहर जो भी अनुशासनहीनता अगर कोई करता है तो उसके लिए मुझे सरकार से जो मार्गदर्शन मिलेगा, उसी के साथ कार्य करूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जी यहां आये थे उनका निर्देश मैं अच्छी तरह समझ रहा हूं, मैं उसको करने के लिए पूरी तरह कटिबद्ध हूं।
![](http://sehattimes.com/wp-content/uploads/2023/01/Dr.Virendra-Yadav-and-Dr.Saraswati-Patel-1.jpg)