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केजीएमयू में फेफड़ा ट्रांसप्‍लांट यूनिट की स्‍थापना की प्रक्रिया शुरू

-पल्‍मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग के मुखिया ने कुलपति ने सौंपा एक विस्‍तृत प्रस्‍ताव

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में एक बड़ी सुविधा दिये जाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई हैं। यह प्रक्रिया है संस्थान में फेफड़ा प्रत्यारोपण इकाई प्रारंभ करने की। इस बारे में जानकारी संस्थान की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद ने आज पल्‍मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग द्वारा आयोजित सेप्सिस अपडेट 2023 में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होते हुए अपने सम्‍बोधन में दी। हालांकि यह बात सेप्सिस कार्यक्रम से थोड़ा हटकर थी, लेकिन कुलपति ने यह बात केजीएमयू के पल्‍मोनरी मेडिसिन विभाग में पूर्व में विभागाध्यक्ष रह चुके तथा आज के कार्यक्रम के आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद के वक्तव्य के दौरान अपने सपनों के बारे में बताये जाने के जवाब में बतायी। प्रोफेसर सोनिया ने यह भी बताया कि केजीएमयू में फेफड़ा प्रत्यारोपण इकाई की स्थापना को लेकर दो दिन पूर्व पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग के विभागाध्‍यक्ष प्रोफेसर वेद प्रकाश ने उन्हें एक विस्‍तृत प्रस्ताव बनाकर सौंपा है। उन्होंने बताया कि  इसकी स्थापना की उनकी भी मंशा है।

उन्होंने डॉ राजेंद्र प्रसाद के वक्तव्य के जवाब में यह भी बताया कि जहां तक उनके पल्मोनरी मेडिसिन विभाग की स्थापना के सपने की बात है तो यह केजीएमयू में तो हो ही चुका है, अब लोहिया संस्थान के प्रस्‍तावित 730 बिस्तर वाले अस्पताल में भी पल्मोनरी मेडिसिन का पृथक विभाग बनाया जाएगा साथ ही छात्रों को इसे पढ़ाया भी जाएगा। उन्होंने कहा जहां तक डॉ राजेंद्र प्रसाद के दूसरे सपने की बात है तो क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग जहां अभी केजीएमयू और एसजीपीजीआई में चल रहे हैं वही 100 बेड का एक क्रिटिकल केयर विभाग लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भी खोले जाने का प्रस्ताव है इसके लिए शासन से अनुमति मांगी गई है।

आपको बता दें कि डॉ राजेन्‍द्र प्रसाद ने इससे पूर्व अपने स्‍वागत भाषण में कहा था कि जब 1976 में उन्होंने केजीएमयू (तब केजीएमसी) में ज्वाइन किया था उस समय से उन्होंने कुछ सपने देखे थे जिन्हें वे अब पूरा होता हुआ देख रहे हैं। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट किया कि इनमें पहला सपना था कि चेस्‍ट रोग विभाग को पल्मोनरी विभाग में बदला जाए जो कि बाद में बदल गया, इसी प्रकार दूसरा सपना था कि एक ऐसा विभाग बने जिसमें पल्‍मोनरी के मरीज को क्रिटिकल केयर की सुविधाएं मौजूद हो। यह भी विभाग पूरा हो गया, इसी प्रकार उनकी इच्छा थी कि पल्‍मोनरी में डीएम यानी डॉक्टरेट ऑफ़ मेडिसिन की सीट उपलब्‍ध हो, यह भी हो गया और इसके अतिरिक्त एक और बड़ी इच्छा उनकी थी कि फेफड़े के प्रत्यारोपण की सुविधा लखनऊ में हो सके। उन्होंने कहा कि मुझे पता चला है कि कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद भी इसके लिए इच्छुक हैं।   

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