Wednesday , October 11 2023

टीबी नोटिफि‍केशन पर निजी क्षेत्र के डॉक्‍टरों का नहीं मिल रहा सहयोग

-जिला टीबी फोरम की बैठक में उठा मामला, लिखित चेतावनी देने का निर्देश

-आईएमए के मंच से नोटिफि‍केशन पर जागरूकता कार्यक्रम करने का सुझाव, बनी सहमति

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। निजी क्‍लीनिकों व अस्‍पतालों में आने वाले सभी टीबी मरीजों का नोटिफि‍केशन सुनिश्चित करने के लिए एक बार सभी निजी क्‍लीनि‍क, अस्‍पतालों को नोटिफि‍केशन की अनिवार्यता के बारे में लिखित रूप से सूचना देने तथा अन्‍यथा की स्थिति में निर्धारित कार्रवाई के निर्देश अतिरिक्‍त जिलाधिकारी डॉ विपिन मिश्र ने दिये हैं, उन्‍होंने यह निर्देश आज यहां कलक्‍ट्रेट में आयोजित जिला टीबी फोरम की बैठक में जिलाधिकारी द्वारा नामित किये जाने के बाद बैठक की अध्‍यक्षता करते हुए दिये।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ आरवी सिंह ने सबसे पहले प्रगति रिपोर्ट रखी। इसमें टीबी के मरीजों को दिया जाने वाला नि:क्षय भत्‍ता, इलाज जैसी सुविधाओं की प्रगति बतायी गयी। कोरोना काल में टीबी के मरीजों की 15 फीसदी मौत होने की जानकारी मिलने पर अतिरिक्‍त जिलाधिकारी ने चिंता जताते हुए कहा कि यह आंकड़ा चिंतित करने वाला है।

टीबी से ग्रस्‍त व्‍यक्तियों की जानकारी एक जगह इकट्ठा रहे इसके लिए मरीज का नोटिफि‍केशन अनिवार्य किया गया है इस बारे में बैठक में बताया गया कि भारत सरकार द्वारा 2018 में जारी आदेश में कहा गया है कि टीबी के सभी मरीजों को नोटिफि‍केशन अनिवार्य है, जिससे मॉनीटरिंग हो सके, यह अनिवार्यता निजी चिकित्‍सक के लिए भी है। यहां तक कि ऐसा न करने वालों के खिलाफ छह माह से लेकर दो साल की जेल के दंड का भी प्रावधान है, लेकिन निजी चिकित्‍सकों की तरफ से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।

इस पर अतिरिक्‍त जिलाधिकारी ने इस बारे में सभी निजी क्‍लीनिकों व अस्‍पतालों को नोटिफि‍केशन की अनिवार्यता के साथ ही इसका उल्‍लंघन करने वालों के लिए निर्धारित दंड के बारे में लिखित में सूचित करने के निर्देश जिला क्षय रोग अधिकारी को दिये। इसी क्रम में नोटिफि‍केशन को लेकर निजी क्षेत्र को जागरूक करने के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम आईएमए मंच पर करने का सुझाव इंडिययन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधि के रूप में शामिल आईएमए लखनऊ के मुख्‍य प्रवक्‍ता डॉ वीरेन्‍द्र यादव ने रखा, जिस पर सभी ने सहमति जतायी। इस मौके पर टीबी को हरा चुके मरीज और उनके परिजनों ने अपने अनुभव भी सामने रखे।

बैठक में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की प्रतिनिधि डॉ नीतू केएस, जीत प्रोजेक्‍ट की ओर से अंजुला सचान, अखिलेश श्रीवास्‍तव, दिलशाद हुसैन, राम जी वर्मा, फोरम के सदस्‍य पत्रकार धर्मेन्‍द्र सक्‍सेना, अभय चंद्र मित्रा, हमजा खान आदि भी उपस्थित रहे।

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