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12000 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की एनएचएम कार्यालय घेरने की तैयारियां पूरी

-28 अगस्त को कर रहे घेराव, मांगों के पूरा होने तक देंगे अनिश्चितकालीन धरना

सेहत टाइम्स

लखनऊ। उत्तर प्रदेश भर के लगभग 12000 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अपनी मांगों को लेकर कल 28 अगस्त को मिशन निदेशक कार्यालय पर घेराव करेंगे, अगर मांगें नहीं मानी गयीं तो यह घेराव अनिश्चित कालीन धरना में बदल जायेगा। यही नहीं यह भी ऐलान किया गया है कि मांगें न माने जाने की दशा में सीएचओ के समर्थन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अन्य सभी वर्गों के कर्मचारी भी सीएचओ के सहयोग में उतरेंगे।

यह ऐलान आज मंगलवार 27 अगस्त को यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर्स उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष हिमालय कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का प्रत्येक CHO साथी अपने शोषण के खिलाफ न्याय पाने को आतुर है, इस अनदेखी और भेदभाव के खिलाफ एक साथ होकर अपना आधिकार प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन उपस्थिति केवल CHO पर लागू करने के तानाशाही आदेश के खिलाफ और केंद्र सरकार द्वारा कई बार निर्देशित करने के बावजूद धूल फांक रही कॅरिअर उन्नति एवं बेहतर कार्य का सम्मान प्राप्त करने के लिए कार्य बहिष्कार करने को CHO विवश हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी यानि CHO तेजी से एक उभरते कैडर के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सन् 2018 से शुरू AB-HWC की योजना के मुख्य स्तंभ जिन CHO एवं गाँव में उपलब्ध सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को उस समय बमुश्किल लोग पहचानते थे, आज सभी CHO के अथक प्रयासों और निष्ठा पूर्वक कार्य के कारण वे स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बन चुके हैं। कभी गाँव के वीरान पड़े उपकेंद्रों पर बिजली, पानी, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं न होने के बावजूद हर प्रकार की स्थितियों से जूझते हुए (जिसमें महिला कर्मी भी शामिल हैं), लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक करते हुए, भीषण गर्मी में पानी, बिजली और पंखे के बगैर गाँव के लोगों के पास उपलब्ध मात्र टाट, पट्टी और पत्थरों पर बैठकर स्वास्थ्य सेवा देते हुए, खुद ही दवाओं को ढोकर लोगों के बीच उपलब्ध कराने, घर के सदस्य की भाँति लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने, आशाओं, फील्ड वर्कर एवं ग्राम प्रधानों एवं प्रबुद्धजनों को साथ लेकर आम जन में बेहतर स्वास्थ्य की अलख जगाने, विभिन्न चरणबद्ध योजनाओ को तैयार कर उसे अमल में लाने, स्वास्थ्य सेवा संबंधी सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने, बेहतर नेतृत्व क्षमता एवं चिकित्सकीय कौशल के उपयोग करने और अपने बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर आम जनमानस के स्वास्थ्य के लिए संजीवनी का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब स्थिति ये है कि स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बन चुके CHOs स्वयं ही मानसिक रूप से विक्षिप्त होने के कगार पर हैं।
-आज हर CHO के मन में केवल ऐसे प्रश्न हैं

  • क्या बेहतर और तल्लीनता से कार्य करना सरकारी विभाग में पाप है?
    -क्या CHOs की अपनी कोई जरूरत नहीं है ?
    -क्या नियमितीकरण और कॅरिअर विकास केवल कागज पर धूल फांकने के लिए है?
  • क्या स्वयं स्वस्थ व सक्षम हुए बगैर आम जन मानस को स्वस्थ रखने में बेहतर योगदान दे पाना संभव है?
  • क्या CHO द्वारा किये गए कार्य अनुभव का लाभ या बोनस अंक किसी नियमित सरकारी सेवा में उपलब्ध है?
  • क्या सभी के स्वास्थ्य का ध्यान रखते के बाद स्वयं CHO या उसके परिवार हेतु कोई स्वास्थ्य बीमा या योजना है?

उन्होंने कहा कि आज UP का प्रत्येक CHO अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है और उसे जिम्मेदारों की ऐसी लापरवाही के कारण जूझना पड़ रहा है।

हिमालय कुमार ने बताया कि आज प्रदेश का प्रत्येक CHO साथी अपने शोषण के खिलाफ न्याय पाने को आतुर है,इस अनदेखी और भेदभाव के खिलाफ एक साथ होकर अपना आधिकार प्राप्त करने के लिए,आनलाइन उपस्थिति केवल CHO पर लागू करने के तानाशाही आदेश के खिलाफ और केंद्र सरकार द्वारा कई बार निर्देशित करने के बावजूद धूल फांक रही कॅरिअर उन्नति एवं बेहतर कार्य का सम्मान प्राप्त करने हेतु कार्य बहिष्कार करने को CHO विवश हो चुके हैं।
अतः पूर्व पत्रों एवं दिनांक 14/08/2024 से प्रदत्त पत्र पर कार्यवाही न होने एवं क्रमिक रूप से 21 जुलाई से 27 जुलाई तक डिजिटल strike के बाद भी समाधान न मिलने के कारण, अपनी निम्नलिखित मांगों के पूर्ण होने तक प्रदेश के समस्त CHO साथी दिनांक 28/07/2024 से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने को मजबूर हैं- उन्होंने कहा कि अनेक बार अपनी मांगों को रखने और हड़ताल के बावजूद सीएचओ की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी मांगों में 1. AMS प्रणाली सरकारी विभाग के सभी कैडर के सभी प्रकार के अधिकारियों /कर्मचारियों पर लागू किया जाए। 2. उत्तर प्रदेश में राज्य संविदा कार्मिकों को रिजवी कमेटी द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार समान कार्य समान वेतन दिया जाता है ऐसी दशा में 4800 ग्रेड पे अनुरूप वेतन का निर्धारण तथा मँहगाई भत्ता भी दिया जाए इस अनुरूप वेतन निर्धारण NHM में अन्य राज्यों में किया जा चुका है ।जैसे मध्य प्रदेश, हरियाणा, बिहार, मेघालय, मणिपुर। 3. AMS लागू करने से पूर्व CHOs के भविष्य की स्पष्टता, नियमित कैडर निर्माण, 6 वर्ष पर नियमितीकरण का लाभ दिये जाने की कार्यवाही प्रारम्भ कराई जाए। जिस प्रकार महाराष्ट्र, राजस्थान में NHM नियमितीकरण का लाभ वर्ष 2024 में किया गया है। 4. AMS लगाने वाले कैडर के लिए अन्य विभागों या सरकारी कर्मियों की भाँति वर्ष भर में 30 EL की व्यवस्था कराई जाए। 5. सभी CHO को स्वैच्छिक स्थानांतरण का लाभ दिया जाए जिससे वह अपने गृह जनपद पहुँच सकें और बेहतर कार्य कर सकें। 6. भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को माह में कम से कम 20 दिन क्रियाशील होना है। अतः प्रत्येक माह समस्त AMS लगाने वाले CHO को 8 निश्चित अवकाश प्रदान किये जाने की व्यवस्था करना (जिसमें रविवार एवं GH अलग से नहीं लिए जाएं) शामिल हैं।

पत्रकार वार्ता में उपस्थित संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के महामंत्री योगेश उपाध्याय ने बताया कि AMS और अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत CHO का यदि समाधान नहीं किया जाता है तो पूरा NHM के एक लाख कर्मचारी इनके सहयोग में मांगों को पूर्ण कराने के लिए संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में साथ में खड़े होंगे। पत्रकार वार्ता में संयुक्त एनएचएम संघ के प्रदेश महामंत्री योगेश उपाध्याय CHO संघ के प्रदेश महामंत्री जनक सिंह, प्रदेश सचिव नित्यम विश्वकर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष रामबाबू वर्मा, प्रदेश कोषाध्यक्ष हितेश, प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप राजपूत, जिला अध्यक्ष सीतापुर अतुल पाण्डेय, जिला अध्यक्ष लखनऊ ममता कुमारी, जिला महामंत्री रितु रानी सिंह, सदस्य संदीप तिवारी, इत्यादि उपस्थित रहे।

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