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अयोध्‍या को फैजाबाद लिखना ओवैसी की सोची-समझी साजिश

-वंचित-शोषित सम्‍मेलन के पोस्‍टरों में अयोध्‍या की जगह फैजाबादलिखने पर नाराज हुआ संत समाज

-प्रशासन से की सम्‍मेलन पर रोक लगाने की मांग, सुधार न हुआ तो ओवैसी को घुसने नहीं देने का ऐलान

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। अयोध्‍या के साधु-संतों ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्‍तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के पोस्‍टरों  में अयोध्‍या को फैजाबाद लिखने पर रोष जताते हुए ओवैसी का सम्‍मेलन न होने देने की घोषणा की है। साधु-संतों ने ओवैसी के खिलाफ खुला ऐलान करके उनकी पार्टी को बैकफुट पर लाने की तैयारी पूरी कर ली है। हालांकि इस बीच ओवैसी की पार्टी के अयोध्‍या जिले के अध्‍यक्ष शहनवाज शमीम ने कहा है कि अयोध्‍या की जगह फैजाबाद लिखने के पीछे की वजह इसका प्रचलित नाम फैजाबाद होना है, अब देखने वाली बात यह है कि यह स्‍टैंड ओवैसी का भी है या नहीं, ओवैसी इस पर क्‍या कहते हैं, नजर इस पर रखनी होगी। क्‍योंकि इस विषय पर जब तक असदुद्दीन ओवैसी खुद न कह दें तब‍ तक इस मुद्दे को समाप्‍त नहीं समझा जाना चाहिये, क्‍योंकि वह अपने भाषणों में लगातार कहते रहे हैं कि बाबरी मस्जिद का मसला समाप्‍त नहीं हुआ है, फैजाबाद के नाम को भी वह इसी मसले से जोड़ते हैं।

उत्‍तर प्रदेश में वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के उतरने का ऐलान ओवैसी पहले ही कर चुके हैं। यूपी में अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने का सपना संजोये ओवैसी रुदौली (अयोध्‍या) में आगामी 7 सितम्‍बर से तीन दिवसीय वंचि㶊त-शोषित सम्‍मेलन करने जा रहे हैं। राजनीतिक गोटियां बिछाने में चतुर ओवैसी ने पोस्‍टर के माध्‍यम से अयोध्‍या को फैजाबाद कहने जो चाल चली थी, संतों की नाराजगी के बाद वह अब ध्‍वस्‍त होती दिख रही है।

इसके पीछे ओवैसी का रीढ़विहीन तर्क यह है कि रुदौली फैजाबाद जिले में है, जबकि सच यह है कि योगी सरकार द्वारा वर्ष 2018 में सरकारी अभिलेखों में इसका नाम अयोध्‍या किया जा चुका है। हालांकि मीडिया रिपोर्टस बता रही हैं कि इस पर ओवैसी से सवाल भी पूछा गया कि आप अयोध्‍या को फैजाबाद क्‍यों बोल रहे हैं, इस पर ओवैसी कोई तर्कपूर्ण उत्‍तर नहीं दे पाये सिर्फ यही दोहराते रहे कि जिला तो फैजाबाद है। प्रश्‍न लगातार पूछा जाता रहा लेकिन आवैसी बराबर प्रश्‍न का सीधा उत्‍तर देने से बचते नजर आये।

अब अयोध्‍या के साधु-संतों ने पोस्‍टरों होडिंग्‍स में अयोध्‍या की जगह फैजाबाद लिखे जाने की घोर निंदा करते हुए अपनी आपत्ति जतायी है। तपस्वी छावनी के महंत जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद का नाम हटाकर अयोध्या कर दिया, जब अयोध्‍या नाम सरकारी अभिलेखों में दर्ज है तो ऐसे में ओवैसी के पोस्टर में अयोध्या की जगह फैजाबाद लिखना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपमान है, यही नहीं यह अयोध्या वासियों का भी अपमान है। उन्‍होंने प्रशासन से भी मांग की है कि ऐसी कुत्सित मानसिकता लेकर आ रहे ओवैसी पोस्‍टर में फैजाबाद की जगह अयोध्‍या नाम लिखवायें और अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उनका अयोध्‍या में प्रवेश रोका जाये। जगदगुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह स्‍वयं सम्‍मेलन आयोजित नहीं होने देंगे। 

हनुमान गढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा है कि ओवैसी को अयोध्या के नाम से चिढ़ क्यों है सरकारी अभिलेखों में अयोध्या नाम दर्ज है तो उनके पोस्टर में फैजाबाद नाम क्यों डाला गया। उन्‍होंने कहा कि ओवैसी की इस विचारधारा पर अयोध्‍या का संत समाज ओवैसी की इस विचारधारा का निंदा करता है, ओवैसी तत्‍काल इन इस पोस्टरों को हटायें वरना अच्‍छा नहीं होगा।

पुजारी राजू दास ने ओवैसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ओवैसी चुनाव के वक्त शोषित वंचित समाज के नाम पर दुकान चला रहे हैं. ओवैसी तब कहां थे जब शोषित और वंचित समाज प्रताड़ित होता रहा है तब ओवैसी को कोई चिंता नहीं रही, और अब जब चुनाव आ गया है तो वह राजनीत की दुकान चलाने के लिए अयोध्या आ रहे हैं, वह भी जानबूझकर कार्यक्रम के पोस्‍टरों पर अयोध्‍या की जगह फैजाबाद नाम लिखकर। 
फि‍लहाल अब देखना यह है कि क्‍या ओवैसी पोस्‍टरों में संशोधन करायेंगे या फि‍र इस मसले पर अपनी राजनीति चमकाने के लिए महंतों के साथ टकराव करते हुए अपना नाम चमकाना चाहेंगे।

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