-आउटसोर्सिंग व्यवस्था की समाप्ति सहित कई मु्द्दों पर मांगा समर्थन

सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। आउटसोर्सिंग व्यवस्था की समाप्ति तथा स्थाई नीति, न्यूनतम वेतन रुपए 18 हजार प्रतिमाह की मांग को लेकर संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारी संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज उत्तर प्रदेश के विधान परिषद सदस्य व भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष ए के शर्मा से मुलाकात की।
यह जानकारी आउटसोर्सिंग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा ने देते हुए बताया कि ए के शर्मा को बताया गया कि प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में लगभग तीन लाख तथा सभी विभागों में लगभग 16 लाख आउटसोर्सिंग कर्मचारी बेहद कम वेतन पर कार्य कर रहे हैं। सरकार की ओर से इन कर्मचारियों को समायोजित किए जाने और आउटसोर्सिंग बन्द किए जाने, न्यूनतम वेतन 18000 प्रतिमाह करने, आउटसोर्सिंग की स्थायी नीति बनाने सम्बन्धी फैसला सरकार को लेना चाहिए। इससे प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लाभ होगा।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी अवगत कराया कि कर्मचारियों के वेतन पर लगभग 52% का अतिरिक्त (जीएसटी, सर्विस चार्ज, ई पी एफ, ईएसआई के नाम पर) भुगतान होता है। करोड़ों रुपए के वेतन घोटाले होते हैं, अगर यह व्यवस्था समाप्त होती है तो सरकार के ऊपर उतने ही व्ययभार में कर्मचारियों का वेतन दोगुना हो जाएगा। अगर इस पर निर्णय जल्द नहीं होता तो कम से कम भाजपा की ओर से इस मामले को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया जाए।
ए के शर्मा द्वारा कर्मचारी संघ को आश्वस्त किया गया कि जल्द ही आपकी बातों को सरकार और पार्टी में उच्च स्तर पर पहुंचा कर उचित फैसला लिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा, उपाध्यक्ष रणजीत सिंह यादव, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के उपाध्यक्ष दीपेंद्र कुमार यादव, उपाध्यक्ष करुणेश तिवारी, प्रवक्ता लवकेश तिवारी आदि मौजूद रहे। सभी ने ए के शर्मा का आभार व्यक्त किया।

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