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कोरोना वायरस से निपटने में उपकरणों की शीघ्र व्‍यवस्‍था के लिए एक और कदम

-मास्‍क, सेनिटाइजर, आईसीयू वेंटीलेटर्स जैसे उपकरणों की विधायक निधि से खरीद के लिए व्‍यवस्‍था में बदलाव

लखनऊ। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा घोषित वैश्विक महामारी कोविड-2019 से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत राज्‍य सरकार ने इसके परीक्षण, स्क्रीनिंग और अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए  विधायक निधि से व्‍यय करने के लिए जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। इन वस्‍तुओं में मास्‍क, सेनिटाइजर, पीपीई किट, वेंटीलेटर्स, आइसोलेशन वार्ड की तैयारी में होने वाले खर्च, एयरपोर्ट जैसी जगहों पर दूर से बुखार नापने वाले यंत्र आदि शामिल हैं। इसके लिए विधायकों ने सुझाव दिये थे।

पत्र के अनुसार एक बार के क्रय के लिए विधायक निधि के मार्गदर्शी सिद्धांतों में बदलाव किया गया है। इस संबंध में सभी जिला अधिकारियों को ग्राम विकास विभाग द्वारा पत्र लिखकर कहा गया है कि विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जिला स्तरीय सक्षम अधिकारी विधायक निधि का उपयोग कोविड-19 के चिकित्सीय परीक्षण, स्क्रीनिंग व अन्य आवश्यक सुविधाओं के लिए कर सकते हैं। इसके अंतर्गत जिलाधिकारियों को जिन व्यवस्थाओं को करने की अनुमति दी गई है उनमें चिकित्सा कर्मी को दूर से किसी व्यक्ति के तापमान को रिकॉर्ड एवं ट्रैक करने के लिए इंफ्रारेड थर्मोमीटर, पर्सनल प्रोटेक्शन उपकरण (पीपीई) किट, रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट एवं अन्य से प्रवेश स्थलों पर सुरक्षित दूरी से तापमान परीक्षण करने के लिए थर्मल इमेजिंग स्कैनर या कैमरा, आईसीएमआर द्वारा स्‍वीकृत कोरोना परीक्षण किट, आईसीयू वेंटीलेटर, आइसोलेशन, क्वॉरेंटाइन वार्ड, चिकित्सा कर्मियों के लिए मास्क, सैनिटाइजर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुमन्‍य अन्‍य उपकरण शामिल हैं।  इन उपकरणों को रखने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा प्रधानाचार्य, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय को नामित किया गया है।