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बलरामपुर चिकित्‍सालय में एनक्‍यूएएस व कायाकल्‍प योजनाओं के क्रियान्‍वयन की जरूरत

-152वें स्‍थापना दिवस पर मुख्‍य अतिथि महानिदेशक डॉ डीएस नेगी का आह्वान

-पद्मश्री डॉ एससी राय मेमोरियल ओरेशन प्रस्‍तुत किया डॉ एके सिंह ने

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ डी एस नेगी ने प्रदेश के सबसे बड़े रेफरल हॉस्पिटल बलरामपुर चिकित्सालय में नेशनल क्‍वालिटी ऐश्‍योरेंस स्‍टैन्‍डर्ड्स (एन क्यू ए एस) तथा कायाकल्प योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय के द्वारा जो रोगियों की सेवा की जा रही है, वह प्रशंसनीय है।

डॉ नेगी ने यह बात अस्पताल के 152 वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा स्थापना दिवस दिवस के मौके पर मैं पूरे चिकित्सालय को बहुत बधाई देता हूं तथा आशा करता हूं कि अस्पताल आगे भी मरीजों की सेवाओं में कोई कमी नहीं छोड़ेगा।

इस मौके पर चतुर्थ पद्मश्री डॉ एस सी राय मेमोरियल ओरेशन अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ए के सिंह ने प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने व्याख्यान में चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ को विकट परिस्थितियों में रोगी के उपचार के लिए क्या-क्या कदम उठाने चाहिए, इसके बारे में जानकारी दी। डॉ सिंह ने डॉ एस सी राय के पद चिन्हों पर चलकर उनके जैसे लोकप्रिय जन सेवक बनने का आह्वान किया।

इस मौके पर महानिदेशक डॉ नेगी द्वारा चिकित्सालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कोरोना वॉरियर्स प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। इस सम्मान को प्राप्त करने वालों में लैब टेक्नीशियन सुनील, चीफ फार्मासिस्ट जेके सचान, माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रियंका कर्मचारी मुकेश जोशी आदि शामिल रहे।

इससे पूर्व कार्यक्रम के आरम्‍भ में अस्पताल के निदेशक डॉ राजीव लोचन ने कहा कि बलरामपुर चिकित्सालय प्रांतीय चिकित्सा सेवा से अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। उन्होंने बताया कि   किस प्रकार सरकार एवं शासन की मंशा के अनुरूप चिकित्सालय में कोविड-19 की आरटीपीसीआर जांच के लिए भी एसएल-2 लैब स्थापित की गई। उन्होंने बताया कि चिकित्सालय की लैब में न केवल चिकित्सालय बल्कि स्थानीय बीएसबी चिकित्सालय, डॉ एस पी एम चिकित्सालय, लोकबंधु राजनारायण चिकित्सालय, रानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल चिकित्सालय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दल आदि द्वारा एकत्रित किए गए नमूनों की कोविड जांच भी की जा रही है।

उन्होंने चिकित्सालय के सुदृढ़ीकरण के लिए डायलिसिस यूनिट के विस्तार तथा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी यूनिट को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ लोचन ने बताया कि चिकित्सालय में हिस्टोपैथोलॉजी की लैब डॉ अरविंद प्रसाद के नेतृत्व में स्थापित की गई है, यह पी एच एम संवर्ग के चिकित्सालयों की प्रथम लैब है। उन्होंने बताया चिकित्सालय में स्थापित सुपर स्पेशलिटी डेंटल यूनिट उत्कृष्ट कार्य कर रही है। इसके अलावा चिकित्सालय में 30 बिस्तरों का आईसीयू वार्ड है इनमें 22 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया चिकित्सालय में दो माइक्रोबायोलॉजिस्ट की तैनाती हो गई है तथा शीघ्र ही डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट प्रारंभ किया जाएगा जिससे पस व यूरिन कल्चर की सुविधा भी उपलब्‍ध हो सकेगी।

इस मौके पर लेप्रोस्कोपिक हिस्टरेक्टॉमी (hysterectomy)  सर्जरी की कार्यशाला का भी आयोजन किया। इसका सजीव प्रसारण ऑपरेशन थिएटर से किया गया। लेप्रोस्कोपिक हिस्टरेक्टॉमी सर्जरी में लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ विवेक कुमार एनएसथेटिस्ट डॉ नूरुल हक सिद्दीकी द्वारा अन्य सर्जन को हिस्टरेक्टॉमी सर्जरी की बारीकियां दिखाते हुए समझाया गया। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आर के गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक डॉ हिमांशु चतुर्वेदी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ एम एच उस्मानी तथा मंच का संचालन डॉ एस सी श्रीवास्तव ने किया।