Wednesday , October 11 2023

लोहिया अस्‍पताल के सभी कर्मियों का संस्‍थान में विलय न हुआ तो सभी विभागों में आंदोलन

लोहिया अस्‍पताल के कर्मियों के समर्थन में आया राज्‍य कर्मचारी संयुक्‍त परिषद

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल के समस्त कर्मियों का लोहिया संस्थान में समायोजन मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक के बनी सहमति के अनुसार क्रियान्वयन किए जाने की मांग करते हुए उनके द्वारा चलाये जा रहे आंदोलन को समर्थन दिया है। लोहिया अस्‍पताल के कर्मचारी सोमवार 30 सितम्‍बर से दो घंटे कार्य बहिष्‍कार करेंगे।

इस संबंध में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के हाई कमान की एक बैठक अध्यक्ष सुरेश रावत की अध्यक्षता में बलरामपुर चिकित्सालय में संपन्न हुई, जिसमे संगठन प्रमुख के के सचान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश मिश्रा (महामंत्री रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद उ प्र ) प्रमुख उपाध्यक्ष सुनील यादव (अध्यक्ष राजकीय फार्मेसिस्ट महासंघ) उपाध्यक्ष अशोक कुमार (महामंत्री राजकीय नर्सेज संघ उ प्र),सचिव डॉ पी के सिंह आदि उपस्थित थे।

परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि 31 जनवरी 2019 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में परिषद के साथ लोहिया कर्मचारी अस्तित्व बचाओ मोर्चा की मांगों पर बैठक आहूत की गई थी, जिसमे मुख्य सचिव द्वारा स्प्ष्ट किया गया था कि कर्मचारियों का समायोजन संस्थान में किया जाना चाहिये और इस प्रक्रिया में कोई शिथिलीकरण की आवश्यकता हो तो उसको करने हेतु प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी जिसमे सचिव स्वास्थ्य, वित्त, कार्मिक व परिषद के पदाधिकारी भी शामिल किये गए थे।

उन्‍होंने कहा कि प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की अध्यक्षता में आहूत की गई तीन बार की बैठक में परिषद द्वारा समायोजन के सम्बंध में अपना पक्ष रखा गया, जिस पर सहमति भी बनी, परंतु खेद का विषय है कि कोई भी कार्यवृत्त नहीं जारी किया गया। बैठक में शासन द्वारा निर्णय लिया गया था कि लोहिया अस्पताल के सभी कर्मचारियों का पूर्ण विलय लोहिया संस्थान में कर दिया जाएगा, लेकिन बीती 27 अगस्‍त को इस निर्णय के विपरीत कर्मचारियों को हटाने तथा कुछ कर्मियों को प्रतिनियुक्ति पर लिये जाने का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद से अनुमोदन कराकर शासनादेश जारी कर दिया गया।

महामंत्री ने बताया कि इस निर्णय से कर्मचारी नाराज है और आश्चर्यचकित हैं कि प्रदेश के मुखिया व मुख्य सचिव के निर्णय को सरकार व शासन के वरिष्ठ अधिकारी मानने को तैयार नहीं है और विपरीत कार्य कर रहे हैं, कर्मचारी आंदोलनों में मुखिया जब कोई आश्वासन भी दे देता था तो कर्मचारी मान लेता था कि इस समस्या का समाधान हो गया पर आज उसी मांग के लिए कर्मचारी 12 सितंबर से लगातार आंदोलन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन ऐसा लग रहा है कि शासन कर्मचारियों की मांगों पर विचार न करके उन्हें गंभीर आंदोलन के लिए विवश कर रहा है।

अतुल मिश्रा ने बताया कि लोहिया के कर्मचारियों ने 30 सितंबर से 2 घंटे कार्य बहिष्कार करने का निर्णय किया है। आज की बैठक में लोहिया अस्तित्व बचाव कर्मचारी मोर्चा के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देते हुए मुख्य सचिव से मांग की गयी कि समझौते के अनुसार सभी कर्मचारियों का पूर्ण विलय किया जाए जिससे उन्हें आंदोलन का रास्ता अख्तियार न करना पड़े। यदि लोहिया के कर्मचारी आंदोलन पर जाते हैं तो मजबूर होकर परिषद से सम्बद्ध अन्य विभागों के सभी राज्य कर्मचारी उनके समर्थन में आंदोलन को विवश होंगे जिसमे आवश्यक सेवा भी शामिल होंगी।