-भर्ती होने पर ही मिलेगा चिकित्सा सुविधा का लाभ, उच्च न्यायालय लोहिया संस्थान में जमा करायेगा एकमुश्त धनराशि

सेहत टाइम्स
लखनऊ। डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ और इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस एमओयू के तहत, सेवारत, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और उनके आश्रितों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
उच्च न्यायालय द्वारा संस्थान को एकमुश्त धनराशि (कॉरपस फण्ड) प्रदान किया जायेगा। इस धनराशि का उपयोग उच्च न्यायालय द्वारा संस्थान को सूचित सेवारत, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और उनके आश्रितों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जायेगा। यह समझौता ज्ञापन भर्ती होने वाले मरीजों पर लागू होगा। उच्च न्यायालय द्वारा भर्ती होने वाले मरीज के लिए प्राधिकृत पत्र (ऑथराइजेशन लेटर) निर्गत किया जायेगा।
इस समझौता ज्ञापन के अर्न्तगत न्यायाधीशों के उपचार के लिए संस्थान द्वारा एक नया बैंक खाता खोला गया है। संस्थान के एचआईएस पर वर्चुअल मनी की व्यवस्था की गयी है जिससे न्यायाधीशों एवं उनके आश्रितों को कैशलेस सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी।
इस एमओयू हस्ताक्षर के अवसर पर डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक, प्रो0 (डॉ0) सी0एम0 सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, डॉ0 विक्रम सिंह, मीडिया प्रभारी डॉ0 भुवन चंद्र तिवारी, लेखाधिकारी अरुण कुमार श्रीवास्तव एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय से सीनियर रजिस्ट्रार लखनऊ बेंच विवेक, रजिस्ट्रार एकाउन्ट राकेश कुमार मिश्र, इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर ऑफिसर (एकाउन्ट) समीर जायसवाल, प्रोटोकॉल आफिसर, हाईकोर्ट लखनऊ आनंद प्रताप सिंह भी उपस्थित रहे।

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