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गैर संचारी रोगों से होती हैं 60 प्रतिशत से ज्यादा मौतें

-गैर संचारी रोगों पर आशाओं को दिया गया प्रशिक्षण

सेहत टाइम्स

लखनऊ। मुख्य चिकित्सा अधिकारी हमारे देश में गैर संचारी रोग समय पूर्व मृत्यु का एक प्रमुख कारण हैं। भारत में इस समय जितनी मृत्यु होती हैं उसका 60% से अधिक गैर संचारी रोगों के कारण हो रही हैं। इन मृत्यु के चार प्रमुख कारण हैं हृदय रोग, लकवा तथा उच्च रक्तचाप, चिरकालिक श्वसन रोग, कैंसर तथा मधुमेह।

23 फरवरी को ए एन एम प्रशिक्षण केन्द्र अलीगंज में जनपद लखनऊ की शहरी आशाओं का गैर संचारी रोगों पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण 19 फरवरी से प्रारंभ हुआ था ।इस प्रशिक्षण में लखनऊ की नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की 29 आशाओं ने भाग लिया। प्रशिक्षण के अंत में डा एस के सक्सेना तथा डा नीरू वर्मा ने समस्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज अग्रवाल ने बताया कि गैर संचारी रोग, जिन्हें लंबे समय तक चलने वाले रोग भी कहा जाता है, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को नहीं लगते। बीमारी होने में लंबा समय लगता है और शुरू में उसके लक्षण दिखाई नहीं देते। इनका इलाज वर्षों तक और कुछ मामलों में पूरे जीवन काल तक चलता रहता है। ऐसे अनेक रोग हैं जो इस समूह के अधीन आते हैं। गैर संचारी रोगों के प्रमुख प्रकार हैं मधुमेह ,हृदय रोग ,लकवा, कैंसर तथा चिर कालिक श्वसन रोग।

उन्होंने बताया कि पुरुष महिलाएं और सभी आयु वर्ग के लोग लंबे समय तक इन रोगों के शिकार होते हैं । इनमें से कुछ रोग धीमी गति से बढ़ते हैं अथवा ऐसे चिरकालिक लक्षण पैदा करते हैं जिनकी लंबे समय तक देखभाल और नियंत्रण रखना पड़ता है ,जबकि कुछ अन्य रोग तेजी से बढ़ते हैं ।

उन्होंने बताया कि यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यह आशाएं अपने -अपने क्षेत्र में 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करेंगी। एन यू एच एम के नोडल अधिकारी डॉ आर एन सिंह ने बताया कि आशाएं अपनी एक हजार की आबादी में 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों का सी बैक फॉर्म भरेंगी।1000 की आबादी में सामान्यतः 370 व्यक्ति 30 वर्ष से ऊपर के होते हैं। इन सभी का कम्युनिटी बेस्ड एसेसमेंट चेक लिस्ट (समुदाय आधारित मूल्यांकन प्रपत्र )भरा जाएगा जिसके आधार पर उनमें रोग होने की संभावना का पता चलेगा ।जो व्यक्ति ज्यादा संदेह के घेरे में होंगे उनकी पहले जांच की जाएगी। सभी लोगों की वर्ष में एक बार मधुमेह ,उच्च रक्तचाप ,मोटापे तथा कैंसर के लिए गांव में ही जांच की जाएगी । प्रशिक्षण के अंत में डा एस के सक्सेना तथा डा नीरू वर्मा ने समस्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।

प्रशिक्षण में डॉ एसके सक्सेना, डा नीरू वर्मा, अजीत कुमार यादव स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी तथा निशा सोनी एनजीओ प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।इस अवसर पर शहरी स्वास्थ्य समन्वयक डॉ शशि यादव भी उपस्थित रहीं।

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