-मानसिक स्वास्थ्य पर आयोजित महोत्सव में पैनल चर्चा के दौरान डॉ गिरीश गुप्ता ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
सेहत टाइम्स
लखनऊ। गौरांग क्लीनिक एंड रिसर्च फॉर होम्योपैथिक रिसर्च के चीफ कन्सल्टेंट डॉ गिरीश गुप्ता ने कहा है कि जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूं कि मानसिक स्वास्थ्य की भूमिका व्यक्ति के स्वास्थ्य में अहम है, इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी माना है, इसीलिए उसने स्वास्थ्य की परिभाषा में बाद में मानसिक स्वास्थ्य को शामिल किया था। मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा करने के लिए शनिवार 1 अक्टूबर को सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट गोल्डन फ्यूचर के तत्वावधान में अन्य संस्थाओं के सहयोग से गोमती नगर स्थित आईएमआरटी में आयोजित मानसिक स्वास्थ्य उत्सव में पैनल चर्चा में उन्होंने कहा कि आज गैर संचारी रोग बहुत बढ़ गये हैं, इनमें अनेक रोगों का कारण मानसिक सोच है, स्त्रियों को होने वाले शारीरिक रोग, त्वचा के रोगों के मरीजों पर की गयी रिसर्च बताती हैं कि इसका कारण मानसिक सोच पाया गया है।
उन्होंने कहा कि जहां तक मानसिक स्वास्थ्य का आर्थिक स्थिति से विशेष सम्बन्ध की बात है तो मैं समझता हूं कि ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि बल्कि देखा जाये तो मानसिक स्वास्थ्य की समस्या आर्थिक रूप से विपन्न व्यक्तियों से ज्यादा आर्थिक रूप से सम्पन्न व्यक्तियों में ज्यादा पायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसकी एक बड़ी वजह ईर्ष्या है। उन्होंने कहा कि आज व्यक्ति दूसरों को आगे बढ़ता हुआ नहीं देखना चाहता है।
डॉ गुप्ता ने इसके लिए एक कहानी से उदाहरण देते हुए कहा कि एक व्यक्ति ने भगवान से अपने लिए घर होने का वरदान मांगा, जिसे भगवान ने पूरा कर दिया। फिर उसकी इच्छा और बढ़ी तो उसने भगवान से गाड़ी की मांग की तो भगवान ने कहा कि तुम्हें गाड़ी या जो भी सामान मांगोंगे मैं दे दूंगा लेकिन मेरी एक शर्त है कि जो तुम मांगोगे, वह तुमने दोगुना तुम्हारे पड़ोसी को दूंगा। व्यक्ति तैयार हो गया, लेकिन जब उसने चीजों को अपने से दोगुनी संख्या में पड़ोसी के पास देखा तो उसे ईर्ष्या होने लगी। उसने भगवान से वरदान मांगते हुए कहा कि मेरी एक आंख फोड़ दीजिये, और जब उसने पड़ोसी को देखा तो उसकी दोनों आंखें जा चुकी थीं और वह लाठी लेकर चल रहा था। अब व्यक्ति यही अपने मन में सोच कर खुश था कि कोई बात नहीं मेरी तो एक आंख की रोशनी गयी है, लेकिन कम से कम पड़ोसी की तो दोनों आंखें खराब हुई हैं। यानी अपनी ईर्ष्या में उसने अपनी भी एक आंख गंवा दीं।