Wednesday , October 11 2023

आंखों की मेकुलर डीजेनरेशन बीमारी का इलाज अब संभव

डॉ जीमीचेंग को सम्मानित करतीं प्रो विनीता दास।

मोतियाबिंद के बाद सबसे बड़ा कारण रोशनी कम होने का

लखनऊ। बढ़ती उम्र की आंखों की बीमारियों में एक आंखों में चकत्तेदार अध: पतन (मेकुलर डीजेनरेशन) हो जाता है जिसका पहले कोई इलाज नहीं था। अब इस बीमारी का इलाज चिकित्सा जगत में उपलब्ध है।
यह जानकारी एक अतिमहत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक व्याख्यान में सिंगापुर से आयीं डॉ. जीमीचेंग, एफआरसी ऑप्थो, सह आचार्य सिंगापुर अंतर्राष्ट्रीय नेत्र केंद्र द्वारा दी गयी। 15 जून को किंग जार्ज चिकित्सा विश्व विद्यालय के कलाम सेंण्टर में एंटी वीईजीएफ इन रेटिनल डिजीजेस विषय पर  एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। डॉ जीमीचेंग ने बताया कि उम्र से सम्बंधित आंखों में चकत्तेदार अध: पतन (मेकुलर डीजेनरेशन) हो जाता है जिसका पहले कोई इलाज नहीं था। अब इस बीमारी का इलाज चिकित्सा जगत में उपलब्ध है। इसके इलाज के लिए एंटी वीईजीएफ थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। यह बीमारी 50 से 60 वर्ष के उम्र के लोगो में ज्यादा पाई जाती है। मधुमेह रोगियों और उच्च रक्तचाप के रोगियों में यह बीमारी बहुतायत में पाई जाती हैं।
उन्होंने बताया कि यह बीमारी मोतियाबिन्द के बाद सबसे बड़ा कारण है आखों की रोशनी कम होनेका। अगर इस बीमारी का इलाज सही समय पर जल्द से जल्द किया जाये तो इससे आखों की रोशनी को वापस लाया जा सकता है। इस बीमारी का मुख्य कारण मरीज के आखों के पर्दे के उपर सूजन आ जाना, पर्दे पर खून का रिसाव हो जाने से कालापन हो जाने की वजह से होता है। उन्होंने यह भी बताया कि एंटी वीईजीएफ थेरेपी के इस्तेमाल से मरीज के आखों की दो से तीन लाइन रोशनी को वापस लाया जा सकता है। एंटी वीईजीएफ थेरेपी में तीन प्रकार के इंजेक्शनों का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमे सबसे नवीन और प्रभावी खोज है ए फाइबरसेप्ट।

केजीएमयू में हो रहा है यह इलाज

कार्यक्रम में चिकित्सा विश्व विद्यालय के नेत्र रोग विभाग के डॉ0 संदीप ने बताया कि विभाग के रेटिना क्लीनिक में इस बीमारी का इलाज किया जा रहा है।और इसका सही समय पर उपचार कराने से रोगी की आंखों की रोशनी वापस लाई जा सकती है।  कार्यक्रम में कार्यवाहक अधिष्ठाता चिकित्सा संकाय प्रो. विनीता दास, प्रो. अपजित कौर सहित नेत्र रोग विभाग के पूर्व शिक्षक एवं वर्तमन संकाय सदस्यों के साथ रेजीडेन्ट चिकित्सक भी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.