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लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने विकसित किया दक्षिण पूर्व एशिया का पहला पीडियाट्रिक ट्रॉमा रिससिटेशन मॉड्यूल

-डॉ नेहा ठाकुर ने तैयार की है परियोजना, व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए एमओयू हस्ताक्षरित

-वयस्क आघात प्रबंधन से काफी भिन्न होता है बाल आघात प्रबंधन : डॉ नेहा ठाकुर

सेहत टाइम्स

लखनऊ। आप एक ऐसे बच्चे को कैसे संभालेंगे जो पहली मंजिल की बालकनी से गिर गया, आतिशबाजी के साथ खेला और गंभीर रूप से जल गया, एक कार दुर्घटना में घायल हो गया ? और कई अन्य प्रश्नों का उत्तर देता है पीडियाट्रिक ट्रॉमा रिससिटेशन मॉड्यूल (पीटीआरएम)। डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के बाल रोग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ0 नेहा ठाकुर ने दक्षिण पूर्व एशिया का पहला पीडियाट्रिक ट्रॉमा रिससिटेशन मॉड्यूल विकसित किया है। डॉ0 नेहा ठाकुर द्वारा यह परियोजना आईसीएमआर प्रोजेक्ट के अंतर्गत केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर के प्रो समीर मिश्रा के सहयोग से बनाई गई है। इसके व्यापक प्रचार प्रसार के लिए 9 अगस्त को एम्स भोपाल में डॉ नेहा ठाकुर और डॉ सागर गलवांकर सीईओ इनडसएम के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया।

यह जानकारी लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान द्वारा देते हुए बताया गया है कि डॉ ठाकुर को पीडियाट्रिक इमरजेंसी मेडिसिन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए Dr.Kello O’Keefe Academician and Researcher INDUSEM 2024 एम्स भोपाल द्वारा आयोजित वार्षिक राष्ट्रीय आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन में पुरस्कृत किया गया है। ज्ञात हो डॉ0 ठाकुर को आरसीपीसीएच की प्रतिष्ठित फैलोशिप से नवाजा जा चुका है।

डॉ0 नेहा ठाकुर के अनुसार, बाल चिकित्सा चोट देखभाल का मतलब केवल चोटों का प्रबंधन करना नहीं है, जैसा कि कोई सोच या कल्पना कर सकता है। विकास के विभिन्न चरणों में बच्चे के शरीर की संरचना और कार्यों में निहित अंतर के कारण यह वयस्क आघात प्रबंधन से काफी भिन्न होता है। इस बाल चिकित्सा आघात पुनर्जीवन मॉड्यूल का उद्देश्य जीवन.घातक घटनाओं की प्रारंभिक पहचान में साक्ष्य.आधारित अभ्यास के उपयोग को बढ़ावा देना और बाल चिकित्सा आघात रोगियों के समय पर प्रबंधन की सुविधा प्रदान करना है। इसका प्रथम ट्रेनिग ऑफ टीचर्स सत्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण संस्थान नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। एम्स, नई दिल्ली, सीएमसी वेल्लोर, यूसीएमएस दिल्ली, एम्स जोधपुर के चिकित्सकों को कनाडा एवं यूएसए से आई विशेषज्ञों की टीम ने दो दिनों की अवधि में प्रशिक्षित किया गया। पीटीआरएम को ICMR, NIHFW, WHO-SEARO, The University of Michigan, INDUSEM, ACEE-EMA, and IAP-PEM से समर्थन प्राप्त हुआ है ।

निदेशक प्रो सीएम सिंह ने डॉ नेहा ठाकुर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। डॉ सिंह ने 9 अगस्त को हुई स्कूल वैन दुर्घटना का हवाला देते हुए कहा कि यह मानकीकृत प्रशिक्षण मॉड्यूल बाल चिकित्सा आघात से सफलतापूर्वक निपटने और प्रबंधन में मदद करेगा।

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