Wednesday , October 11 2023

पारे का विकल्‍प खोजने की टीम की कमान केजीएमयू के हाथ

केजीएमयू के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग को आईसीएमआर का प्रतिष्ठित पुरस्‍कार

सेहत टाइम्‍स
लखनऊ। गत दिनों आईसीएमआर-पोषण नैदानिक वैज्ञानिक (एनसीएस) 2021 बैच का प्रतिष्ठित पुरस्कार मौखिक और मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग, एफओडीएस, केजीएमयू को प्रदान किया गया है। प्रो(डॉ.) शालिनी गुप्ता के मार्गदर्शन में पूरे भारत से केवल 5 छात्रों का चयन किया गया है, जिसमें डॉ रुकैया सलीम बी.डी.एस. केजीएमयू ,को पीएचडी शुरू करने के लिए चुना गया है। इस फेलोशिप के तहत वेतन के साथ प्रति माह 1लाख रुपये अगले 3 वर्षों के लिए मिलेंगे ।

दीर्घकालीन विषैले प्रभावों के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पारे के उपयोग को कम करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। एक सस्ता और गैर-विषैले विकल्प विशेष रूप से भारत जैसे विकासशील देशों में एक पूर्वापेक्षा है। दंत चिकित्सा में पारे के प्रतिस्थापन की पहल करने के लिए परियोजना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चरणबद्ध किया गया है, लेकिन उपलब्ध विकल्प सामग्री की कमी के कारण पूरी तरह से चरणबद्ध नहीं किया गया है।
ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी विभाग इस मुद्दे से निपटने के लिए काम करेगा और पारा के जहरीलेपन के उपयोग को कम करने के लिए एक विकल्प विकसित करने का प्रयास करेगा।

ऋषिकेश में साइनोडेंट द्वारा आयोजित “द्वितीय विश्व दंत विज्ञान और मौखिक स्वास्थ्य सम्मेलन” में डॉ शालिनी गुप्‍ता ने न सिर्फ केजीएमयू का प्रतिनिधित्व किया, साथ ही केजीएमयू के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार डेंटल कॉलेज अवार्ड ऑफ द ईयर के साथ-साथ ‘पायनियर्स इन फोरेंसिक ओडोन्टोलॉजी’ का खिताब हासिल किया।

इन सभी उपलब्धियों को कुलपति, प्रति-कुलपति और डीन डेंटल को प्रस्तुत किया गया। इसके लिए कुलपति द्वारा डा0 शालिनी गुप्ता को बधाई एवं शुभकामनाये दीं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.