-केजीएमयू में कार्यशाला आयोजित, 12 चिकित्सा संस्थानों के 160 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
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सेहत टाइम्स
लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) एक आधिकारिक प्रशिक्षण केंद्र है जो डॉक्टरों को विशेषज्ञों, रोगियों और देखभाल करने वालों से मिले इनपुट के साथ साक्ष्य तैयार करने के लिए दस्तावेज तैयार करने का प्रशिक्षण देता है। यह कोक्रेन के सहयोग से किया जाता है जो यूनाइटेड किंगडम में स्थित है और दुनिया भर में शीर्ष श्रेणी के चिकित्सा संस्थानों में इसके केंद्र हैं।
यह जानकारी केजीएमयू के कुलपति ले.ज. डॉ बिपिन पुरी ने मंगलवार 29 नवम्बर को आयोजित एक कार्यशाला में दी। उन्होंने बताया कि कोक्रेन द्वारा उत्पन्न साक्ष्य का उपयोग विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा जनता के लाभ के लिए बीमारी, टीकों आदि के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए किया जाता है। कुलपति ने कहा कि केजीएमयू देश की आवश्यकता के अनुसार कई बीमारियों के लिए साक्ष्य प्रदान करने के लिए नीति आयोग और अन्य जैसे नीति निर्माताओं को समर्थन देने और मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहेगा।
इस कार्यशाला में 12 चिकित्सा संस्थानों से लगभग 160 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण देने वालों में प्रो. बालेंद्र प्रताप सिंह, प्रो. हरदीप सिंह मल्होत्रा, डॉ. डी. हिमांशु रेड्डी, प्रो. आरडी सिंह, प्रो. राजीव कुमार सिंह, केजीएमयू से डॉ. राहुल कुमार और आईसीएमआर से डॉ. अंजू सिन्हा शामिल थे।
इस मौके पर प्रति कुलपति प्रो. विनीत शर्मा, डीन एकेडमिक प्रोफेसर एके त्रिपाठी, डीन डेंटल साइंसेज प्रो. ए पी टिक्कू भी उपस्थित थे। केजीएमयू अगले साल कोक्रेन इंडिया नेटवर्क की उन्नत कार्यशाला और राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के सभी विशेषज्ञ भाग लेंगे।
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